भीलवाड़ा. देश में सबसे पहले कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा के एक निजी चिकित्सालय से हुई. इस चिकित्सालय के खिलाफ भाजपा जिला अध्यक्ष ने जांच की मांग की है. जिस पर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने बताया कि एक सीनियर अधिकारी के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया गया है. जिसके बाद जांच भी प्रारंभ हो चुकी है.
कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष लादू लाल तेली ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निजी अस्पताल के खिलाफ जांच की मांग की है. इस मामले में जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि टीम गठित कर दिया गया है, साथ ही जांच के ऑर्डर भी हो चुके हैं. एक सीनियर RAS अधिकारी, डीआर लीगल और सशक्त डॉक्टर को जांच के लिए नियुक्त किया गया है. वे सभी टीम बनाकर जांच कर रहे हैं. जिला कलेक्टर ने कहा कि अभी प्राथमिकता है कि पहले कोरोना के संक्रमण को पहले स्टॉप करें. साथ ही जिला कलेक्टर ने आम लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने और हाथ धोने की सिखाए जाने की बात कही है. राजेंद्र भट्ट ने कहा कि कोविड-19 के अनुसार ही हमें अभी जीना पड़ेगा.
पहले केस के बाद ही लगाया गया कर्फ्यू
कोरोना से लड़ने के लिए चुनौती के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि पहला केस पॉजिटिव आने के बाद ही धारा 144 लगा दी गई. वहीं 20 मार्च को जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ली थी. जिसमें मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि दो डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. जिन्होंने अस्पताल में 7 हजार मरीज की जांच की है. वहीं घर पर इन डॉक्टरों ने कितने मरीज हैं, ये आंकड़ा नहीं है.
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