भीलवाड़ा. जिले की जहाजपुर नगर पालिका के नवनिर्वाचित बोर्ड की प्रथम बैठक भाजपा और कांग्रेस की राजनीति का शिकार बन गई. नगर पालिका बोर्ड की बैठक पालिका अध्यक्ष नरेश मीणा की अध्यक्षता में प्रातः 11:15 बजे शुरू होनी थी. बैठक के नियत समय पर कांग्रेस के पार्षद पहुंच गए, जिन्होंने वहां पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी का 15 मिनट तक इंतजार किया. 11:30 बजे तक सदन में पालिकाध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी और भाजपा का कोई भी पार्षद नहीं पहुंचा. इसके बाद कांग्रेस के पार्षद बैठक छोड़ कर चले गए. वहीं भाजपा के पार्षद पालिका अध्यक्ष के कक्ष में बैठे थे और पालिका अध्यक्ष नरेश मीणा पालिका के बाहर पार्षदों की अगवानी के लिए खड़े थे.
इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद नजीर मोहम्मद सरवरी ने मीडिया कर्मियों को बताया कि बोर्ड बैठक बुलाने के बाद ना तो बैठक में सीट पर पालिकाध्यक्ष नजर आए और ना ही अधिशासी अधिकारी. लगभग 15 मिनट तक सभी पार्षदों ने इनका इंतजार किया, पर यह बोर्ड बैठक के सदन में नहीं आए. इससे कांग्रेस के पार्षद भी बैठक छोड़कर चले गए. पार्षद सरवारी ने बताया कि कांग्रेस के पार्षदों ने की बैठक डाक बंगले में संपन्न हुई, जिसमें कस्बे के विकास कार्यों पर चर्चा के साथ ही आवश्यक विकास कार्यों के प्रस्ताव तैयार कराकर सीधे ही मुख्यमंत्री और स्वशासन मंत्री को भेजने का निर्णय लिया गया.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेसी पार्षदों द्वारा अचानक बैठक छोड़कर चले जाने और बैठक में अधिशासी अधिकारी के नहीं आने से पालिका अध्यक्ष और भाजपा विधायक भी परेशान नजर आए. विधायक मीणा ने बताया कि अधिशासी अधिकारी ने अस्वस्थ होने की सूचना भेजी है. इससे वह बैठक में नहीं आ पाए. अन्य अधिकारी को पालिका ईओ का कार्यवाहक इंचार्ज दिलाने के लिए जिला कलेक्टर डीएलबी डायरेक्टर के साथ ही शासन सचिव से उन्होंने दूरभाष पर बात की. अन्य अधिकारी को कार्यभार मिलते ही बैठक शुरू की जाएगी. विधायक मीणा ने अन्य अधिकारी को इंचार्ज दिलाने के लिए कलेक्टर से शासन सचिव तक गुहार लगाई, पर कोई सार नहीं निकला.