भीलवाड़ा.कोरोना जैसी महामारी की चेन को खत्म करने के लिए भीलवाड़ा में लॉकडाउन है. वहीं वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा में तमाम उद्योग बंद है. इस लॉकडाउन ने वस्त्र उद्योग की कमर तोड़ दी है. लॉकडाउन के कारण वस्त्र उद्योग को अब तक दो हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं स्थिति समान्य होने के बाद भी कपड़ा उद्योग को इस नुकसाने से उबरने में 1 साल से भी अधिक समय लग जाएगा.
लॉकडाउन के दौरान सारे उद्योग ठप पड़े हैं. इस कारण टेक्सटाइल उद्योग की कमर टूट गई है. भीलवाड़ा टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के महासचिव प्रेम स्वरूप गर्ग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने वस्त्र उद्योग के सामने आ रही समस्याओं को साझा किया. उन्होंने कहा कि इस समय इस महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन आवश्यक है लेकिन वस्त्र उद्यमियों को इससे बहुत नुकसान हुआ. वर्तमान में कुछ वस्त्र इकाइयों को चलाने के लिए छूट दे दी गई है लेकिन सभी संचालित नहीं हो पाई हैं.
- 'वस्त्र नगरी' के नाम से प्रसिद्ध है भीलवाड़ा
- राजस्थान में टेक्सटाइल की कुल 29 ईकाइयां, 14 अकेले भीलवाड़ा में
- भीलवाड़ा में लगभग 400 ईकाइयों का होता है संचालन
- भीलवाड़ा से 60 देशों को एक्सपोर्ट होता है वस्त्र और यार्न
- सालाना लगभग 18,000 करोड़ का होता है वस्त्र कारोबार
- 20 मार्च से तमाम औद्योगिक इकाइयां बंद
- लॉकडाउन के कारण वस्त्र उद्योग को हुआ 2,000 करोड़ का नुकसान
- लॉकडाउन के बाद भी वस्त्र उद्योग को उबरने में लगेगा 1 साल का समय
20 मार्च से तमाम औद्योगिक इकाइयां बंद