भीलवाड़ा. जिले में हुए औद्योगिक समिट (Bhilwara Investment Summit) के बाद यहां निवेश के मार्ग खुल गए हैं. वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा की अब नई पहचान रेडिमेड गारमेंट के रूप में भी होगी. अन्य प्रदेश के व्यवसाई भी भीलवाड़ा में अपना उद्योग स्थापित करने जा रहे हैं. लेकिन लेबर की कमी होने की बात सामने आ रही है. जिसे पूरा करने के लिए तेजी से प्रयास किया जा रहा है. नए उद्योग स्थापित होने के बाद जिले के युवाओं के लिए रोजगार मिलने की अपार संभावनाएं बढ़ जाएगी.
प्रदेश का पहला औद्योगिक समिट भीलवाड़ा में हुआ था. जहां 11000 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव आए थे. अब वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा में औद्योगिक इकाइयां स्थापित होगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भीलवाड़ा की पहचान बढ़ेगी. इस समिट में सबसे ज्यादा प्रस्ताव कपड़ा उद्योग के क्षेत्र में आए हैं. वर्तमान में भीलवाड़ा वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात है. अगर जिले में औद्योगिक इकाइयां स्थापित होती है तो देश में भीलवाड़ा की पहचान और बढ़ जाएगी.
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भीलवाड़ा जिला उद्योग अधिकारी राहुल देव सिंह का कहना है कि प्रदेश का पहला इन्वेस्टमेंट समिट भीलवाड़ा में आयोजित हुआ, उनके अच्छे परिणाम अब हमारे सामने आने लगे हैं. उस समिट में 11000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव आए थे. जिसमें से छह हजार करोड़ के एमओयू (MoU Worth 6009 Crores Were Signed) हो चुके हैं. एमओयू इस बार उन्हीं लोगों के किए गए जिसके पास पर्याप्त मात्रा में जमीन है, और आने वाले दिनों में उद्योग स्थापित करेंगे. इस इन्वेस्टमेंट समिट की थीम कमिटमेंट एंड डिलीवर्ड थी. जिनमें 26 इकाइयां रीको में स्थापित होगी. जिससे ग्रामीण क्षेत्र में भी युवाओं को रोजगार मिलेगा. इस 26 इकाइयों के लिए 3500 करोड़ रुपए का निवेश होगा.
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जिला उद्योग अधिकारी ने कहा कि रेडिमेड गारमेंट वस्त्रनगरी में नया उभरता हुआ क्षेत्र देखने को मिल रहा है. रेडिमेड गारमेंट की जिन इकाइयों का निर्माण हो रहा है, और जो रेडिमेड गारमेंट का काम कर रहे हैं, उन औद्योगिक इकाइयों के मालिकों से बात की तो उन्होंने कहा कि हम यहां कम से कम 10 गुना औद्योगिक इकाइयां और स्थापित कर सकते हैं. लेकिन हमारे पास केवल स्किल्ड लेबर की जरूरत है.
इस बिंदु को ध्यान में रखते हुए हमने जिले में निवेश की संभावनाओं को आकर्षित करने के लिए एमएसएमई के साथ ट्रेनिंग की योजना बनाई है. जहा ब्लॉक स्तर पर स्किल डवलपमेंट के तहत लेबर तैयार की जाएगी. जिससे आने वाले दिनों में रेडिमेंट व्यवसायियों को आसानी से लेबर उपलब्ध होगी और नए-नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे. वस्त्रनगरी की पहचान धीरे-धीरे बढ़ रही हैं. जहां अन्य राज्यों से भी औद्योगिक मालिक यहां की औद्योगिक इकाइयों में काम करवा रहे है. जिले में बजरी, क्वार्ट, फेल्सपार, सेंड स्टोन, ग्रेनाइट समेत 50 से अधिक तरह के मिनरल का उत्पादन होता है. जहा भीलवाड़ा जिला प्रदेश की कुल रायल्टी का 25% से अधिक का अंशदान करता है. मिनरल उत्पादों में वैल्यू एडिशन के लिए 10 उद्यमियों ने सात सौ करोड़ के प्रस्ताव दिए हैं.