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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मसीहा बनकर आए भवानी शंकर, 70 की उम्र में कर रहे ये खास काम...

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Published : Oct 21, 2020, 2:27 PM IST

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में क्या आम, क्या खास हर कोई मैदान में उतरा हुआ है. जिससे जो बन पड़ रहा है वो एक दूसरे की मदद करने से पीछे नहीं हट रहा है. भीलवाड़ा के रहने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी भवानी शंकर शर्मा भी 70 की उम्र में मानवता की मिशाल पेश कर रहे हैं. देखें यह खास रिपोर्ट...

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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मसीहा बनकर आए भवानी शंकर

भीलवाड़ा:कोरोना हारेगा, इंडिया जीतेगा' इस जज्बे के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में लोग मदद करने को तैयार हैं. कोई जरूरतमंदों को राशन, भोजन देकर मानवता की मिशाल पेश कर रहा है, तो कोई दवा-पानी का इंतजाम कर रहा है. कुछ ऐसे क्षेत्र से जुड़े लोग हैं, जो लॉकडाउन में अपने समय का सदुपयोग कर महामारी से बचाने को मास्क बनाने की मुहिम चला रहे है.

अगर हौसला मानव सेवा करने का है, तो उम्र कभी बाधा नहीं बनती है. यह बात साबित कर दिखाई है. भीलवाड़ा जिले के रहने वाले सांख्यिकी विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी भवानी शंकर शर्मा ने. कोरोना काल में मास्क और सैनिटाइजर रामबाण का काम कर रहे हैं. ऐसे में भवानीशंकर लोगों को कोरोना से बचाने के लिए 70 साल की उम्र में भी हर 6 घंटे मास्क बना रहे हैं. भवानीशंकर ने अब तक 6 हजार मास्क बना लिए हैं. खास बात यह है कि वे मास्क बनाकर लोगों को फ्री में बांट रहे हैं.

70 साल की उम्र में ऐसे काम की हर कोई कर रहा सराहना

मास्क ही बचाव और उपचार...

भवानीशंकर बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने जब अपने भाषण में कहा था कि मास्क ही बचाव है. तब से उन्होंने ठान ली की वे बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकलेंगे. 70 साल के भवानीशंकर कहते हैं जब वे घर से बाहर देखते तो सब्जी वाले, ठेले वाले और फ्रूट वाले बिना मास्क के घूमते दिखाई देते थे.

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मसीहा बनकर आए भवानी शंकर

हर दिन चलाते हैं 6 घंटे सिलाई मशीन...

अलग-अलग डिजाइनों के मास्क बनाते हैं भवानी

ऐसी में उन्होंने सोचा, क्यों ना इनको मास्क बना कर दिया जाए तो इनका भी कोरोना से बचाव हो सके. इसके बाद से ही उन्होंने मास्क बनाने की शुरूआत की. शुरूआत में वे केवल 5-6 मास्क ही बनाए और लोगों को बांटा. इसके बाद जब मांग बढ़ने लगी तो उन्होंने ज्यादा से ज्यादा मास्क बनाने शुरू कर दिए. भवानी बताते हैं कि वे हर दिन 6 घंटे सिलाई मशीन की मदद से मास्क सिलते हैं और फिर लोगों में बांट देते हैं.

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भवानी शंकर के मुताबिक उन्होंने अब तक स्कूलों, बैंकों, सामाजिक संस्थानों और मोक्ष धामों में मास्क वितरित किए हैं. लोगों को कोरोना से बचाने के लिए उनका लक्ष्य है कि हर शख्स मास्क पहने. बस इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए वे हर दिन इस उम्र में भी सिलाई कर रहे हैं. भवानी कहते हैं कि जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक मास्क ही दवा है और उपचार भी.

मास्क की सिलाई करते भवानीशंकर

भवानी बताते हैं कि धीरे-धीरे अलग-अलग किस्म के मास्कों का प्रचलन बढ़ा है. जिसे देखते हुए वे भी ऐसी-ऐसी डिजाइनें बनाते हैं, जो लोगों को काफी भा रही हैं. मेडिकल मास्क की उम्र महज 8 घंटे होती है. इसलिए वे लीलन कपड़े का मास्क बनाते हैं. जो 2 इन वन होता है. जिसे धोकर बार-बार इस्तेमाल में लिया जा सकता है.

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