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भीलवाड़ा में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की समीक्षा, अभी भी बेटियों की संख्या कम

भीलवाड़ा में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना के तहत महिला अधिकारिता विभाग की ओर से कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ. जिसमें अध्यक्षता कर रहे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल लाल बिरडा ने बेटियों के घटते लिंगानुपात को और बढ़ाने के लिए सभी अधिकारियों और स्वयंसेवी संगठनों के लोगों को महिलाओं और पुरुषों को जागरूक करने के निर्देश दिए.

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की हुई समीक्षा

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Published : Feb 21, 2020, 10:29 AM IST

भीलवाड़ा. जिले के कलेक्टर सभागार में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल लाल बिरडा की अध्यक्षता में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना की समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ. जिसमें भीलवाड़ा जिले में अभी भी घटते लिंगानुपात पर चिंता जाहिर करते हुए ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता चलाने के निर्देश दिए गए.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की समीक्षा

इस बिंदुओं पर हुई चर्चा

  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की कार्यों की समीक्षा
  • कन्वर्जेंस के कार्य की समीक्षा
  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर नवाचार
  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की आगामी योजना पर चर्चा
  • वन स्टॉप सेंटर की कार्य की समीक्षा
  • महिला सुरक्षा केंद्र के कार्यों की समीक्षा
  • महिला शक्ति केंद्र के कार्यों की समीक्षा
  • जिला स्तरीय महिला सहायता समिति के कार्यो की समीक्षा
  • बाल विवाह मुक्त राजस्थान पर चर्चा
  • घूंघट मुक्त राजस्थान पर चर्चा

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बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल लाल बिरडा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि आज बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ टास्क फोर्स की जिला स्तरीय बैठक थी. इस अभियान मे सभी विभागों का को-आर्डिनेशन होता है. इसमें पुलिस विभाग, वन स्टॉप सेंटर, महिला सुरक्षा सहायता केंद्र यह उपस्थित रहे.

बैठक में अब तक के कार्यों की समीक्षा की गई और आगे क्या कार्य और किस तरह करना है, उनकी कार्य योजना बनाई गई है. जिले में घटते लिंगानुपात है उसमें सुधार और जागरूकता के लिए निर्देश दिए हैं. पहले भीलवाड़ा में 928 बेटियां थी. अभी वर्तमान में हजार पुरुषों पर 943 बेटियां है. जो और भी कम है इसके लिए जागरूकता चलाई जाएगी.

उन्होंने कहा, कि ग्रामीण क्षेत्र में अंधविश्वास के चलते बीमारी पर मासूमों को गर्म सलाखों से दागने के मामले में भी हमन सभी को निर्देश दिए हैं.पंचायत स्तर पर भी जागरूकता चलाई जाएगी, जिससे यह प्रथा भी खत्म हो.

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