भीलवाड़ाः अंधविश्रास के काले बादलों ने भीलवाड़ा जिले के एक गांव को इस कदर जकड़ लिया कि यहां के 11 बच्चों की जान पर बन आई. एक साथ 11 बच्चों के बीमार होने परिजन घबरा गए और वो कर बैठे जो उन्हें नहीं करना चाहिए था. परिजन बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाने की बजाय भोपा (जादू-टोना करने वाला) के पास ले गए.
अंधविश्वास की भेंट चढ़ने से बचे बच्चे मामला भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा तहसील के सालरिया गांव का है. जहां 11 बच्चों में एक जैसी बीमारी देखने को मिली. ये सभी बच्चे एक साथ हाथ-पैर पटक रहे हैं, और जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं. एक तरह से इसे मानसिक रोग कहा जा सकता है. पीड़ित परिवार के लोग ये सब देखकर डर गए.
अंधविश्वास में जकड़े लोगों ने इस भूत-प्रेत का साया समझ लिया. लिहाजा गांव के लोग अपने बच्चों को किसी भोपा के पास ले गए. लेकिन, बच्चों की हालत में कोई सुधार देखने को नहीं मिला. इसके बाद कुछ गांव वालों को सद्बुद्धि आई, उन्होंने बच्चों का इलाज डॉक्टर से कराना तय किया.
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सभी बच्चों को लेकर महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया जहां उनका इलाज जारी है. प्रिसिंपल मेडिकल ऑफिसर डॉ. अरूण गौड़ ने बताया कि इन बच्चों को डिसोसिएशन नामक बीमारी है. इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति कोई हरकत करता है तो उसका असर दूसरे पर भी पड़ता है. इसके बाद वह भी वैसे ही हरकत करने लगता है. फिलहाल बच्चों का इलाज जारी है.