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भरतपुर : असहाय लोगों के लिए 426 करोड़ की लागत से तैयार होगा दुनिया का पहला अनूठा अपना घर प्रकल्प, एक साथ रह सकेंगे 8 हजार 'प्रभुजन'

भरतपुर में बेसहारा लोगों के लिए अपना घर आश्रम का निर्माण होने जा रहा है. बता दें कि 150 बीघा जमीन में इस प्रकल्प का निर्माण किया जाएगा. निर्माण कार्य का शुभारंभ इसी वर्ष अप्रेल के प्रथम सप्ताह में होगा. ईटीवी भारत ने अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉक्टर बीएम भारद्वाज से इस प्रकल्प की खासियत के बारे में चर्चा की.

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भरतपुर में बन रहा दुनिया का पहला अनूठा अपना घर प्रकल्प

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Published : Mar 9, 2020, 8:15 PM IST

भरतपुर. असहाय, लावारिस और निराश्रित लोगों के लिए अब भरतपुर में अपना घर प्रकल्प तैयार किया जाएगा. यूं तो नेपाल समेत देश में कुल 36 अपना घर आश्रम संचालित हैं, लेकिन यह प्रकल्प अपनी सुविधा और विशेषता के मामले में दुनिया का अनूठा प्रकल्प होगा. विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त और 8 हजार लोगों की क्षमता वाले इस प्रकल्प के निर्माण में 426 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इसके लिए जमीन भी निर्धारित कर ली गई है.

भरतपुर में बन रहा दुनिया का पहला अनूठा अपना घर प्रकल्प
उम्र, बीमारी, भाषा के अनुसार तैयार किए जाएंगे 64 होम

डॉ बीएम भारद्वाज ने बताया कि इस प्रकल्प में अलग-अलग कुल 64 होम तैयार किये जाएंगे. इन होम का निर्माण उम्र, बीमारी और भाषा के आधार पर किया जाएगा. उदाहरण के रूप में बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए छह अलग-अलग होम तैयार किए जाएंगे. इनमे अलग-अलग बीमारी के अनुसार बुजुर्गों को रखा जाएगा. इसी प्रकार एक समान भाषा बोलने वाले, एक समान बीमारी वाले, बच्चे, दिव्यांग, पुरुष, महिला और बुजुर्गों के लिए अलग-अलग होम का निर्माण किया जाएगा. साथ ही जरूरत के अनुरूप ही उन होम में सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी.

अपनों से मिलती अपना घर में रहने वाली एक महिला
तीन चरण में पूरा होगा निर्माण

डॉ भारद्वाज ने बताया कि प्रकल्प के लिए बझेरा में संचालित अपना घर आश्रम के पास ही 150 बिग जमीन चिह्नित की गई है. इसमें से 100 बीघा जमीन में 7 साल में तीन चरण में निर्माण किया जाएगा. इसके तहत प्रथम चरण का निर्माण 2 साल में, द्वितीय चरण का 2 साल में और तीसरे चरण का निर्माण 3 साल में पूरा होगा. वहीं इसमें से 50 बीघा जमीन को भविष्य की जरूरत और विस्तार के लिए खाली छोड़ा जाएगा.

अपना घर आश्रम में जानवरों को भी दी जाती है पनाह
दो हजार प्रशिक्षित कर्मचारी करेंगे देखरेख

डॉ भारद्वाज ने बताया कि प्रकल्प में एक साथ 8 हजार प्रभुजनों के रहने की सुविधा रहेगी. ऐसे में हर उम्र, बीमारी और जरूरत के अनुरूप देखभाल करने के लिए 60 प्रकार के प्रशिक्षित और अलग-अलग योग्यता वाले 2 हजार कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी. इनमें डॉक्टर, नर्स, केयरटेकर और अन्य कर्मचारी शामिल होंगे. साथ ही 2 हजार प्रशिक्षित स्वयंसेवक भी इसमें सेवाएं देंगे.

अपना घर आश्रम खाने से लेकर हर जरूरत का रखता है ख्याल
कोई भी कर सकता है मदद

डॉ भारद्वाज ने बताया कि प्रकल्प के निर्माण में कोई भी सहयोग कर सकता है. मदद करने वाले जमीन, ईंट, निर्माण कार्य में मदद कर सकते हैं. इसके लिए कम से कम एक वर्ग गज जमीन के लिए 500 रुपए और 11 ईंट के लिए 101 रुपए की मदद कर सकते हैं.

आश्रम में रहने वाली एक औरत से हाल चाल पूछते संस्थापक डॉ बी एम भारद्वाज

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गौरतलब है कि वर्ष 2000 में शुरू हुए अपना घर आश्रम की आज नेपाल समेत देशभर में 36 शाखाएं हैं. इनमें हजारों असहाय और निराश्रित लोग निशुल्क निवास कर रहे हैं. डॉक्टर भारद्वाज की मानव सेवा को देखते हुए रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति में भी इन्हें 'कर्मवीर' के रूप में पहचान मिल चुकी है.

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