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World Tourism Day 2021 : बयाना के दुर्ग में द्वापरयुगीन शिवलिंग, बाणासुर की साधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने दिया था वरदान - भरतपुर शिव मंदिर

विश्व पर्यटन दिवस पर बात भरतपुर के धार्मिक पर्यटन की. यूं तो पूरा ब्रज मंडल धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र है. लेकिन भरतपुर के बयाना में अरावली की खंड श्रेणियों में पुराने किले में स्थित पहाड़ेश्वर शिव मंदिर की बात ही अलग है. यह मंदिर द्वापर युग का बताया जाता है.

World Tourism Day 2021 भरतपुर शिव मंदिर
World Tourism Day 2021 भरतपुर शिव मंदिर

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Published : Sep 27, 2021, 4:47 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 7:32 PM IST

भरतपुर. अगर आप भरतपुर में धार्मिक पर्यटन के उद्देश्य से जा रहे तों तो बयाना के पहाड़ेश्वर शिव मंदिर को जरूर विजिट करें. बारिश के बाद यहां पहाड़ियों के बीच प्राचीन दुर्ग का नजारा बेहद मोहक लगता है. इन्हीं पहाड़ियों के बीच किले में स्थित है द्वापरयुगीन शिवालय.

पहाड़ेश्वर शिव मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर का सफर करना होगा. भरतपुर से बयाना के लिए आसानी से टूरिस्ट वाहन, कैब या बसों की व्यवस्था है. बयाना कस्बे की दुर्गम पहाड़ियों पर ऐतिहासिक किला है. मान्यता है कि इस किले का निर्माण राक्षस बाणासुर ने कराया था.

भरतपुर के बयाना में प्राचीन शिव मंदिर

इसी प्राचीन किले के अंदर द्वापरयुगीन शिवलिंग है. पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार राक्षस बाणासुर यहां तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था. भगवान शिव ने बाणासुर को दर्शन दिये और अजेय होने का वरदान दिया. इतिहासकार डॉ. शैलेन्द्र कुमार गुर्जर बताते हैं कि बयाना रियासत पर कई वंशों और राजाओं का शासन रहा. यह शिवलिंग यहां सदियों से पूजा जा रहा है.

पहाड़ेश्वर शिवलिंग

शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि राक्षस बाणासुर ने इसी पहाड़ी श्रेणी की तलहटी में भगवान शिव का भव्य मंदिर बनवाया था. वह यहां भगवान की आराधना किया करता था. शैलेंद्र बताते हैं कि मुगलकाल में आक्रमणकारी शासकों ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया था, यह मंदिर पहाड़ी की तलहटी में था. शिव प्रतिमाओं को भी खंडित कर दिया गया था.

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बाद में बयाना पर कुछ राजाओं का शासन रहा, जिनमें से एक राजा विजयपाल के शासनकाल में पहाड़ी की तलहटी में स्थित शिवलिंग को ऊंचाई पर बने किले के परिसर में स्थापित कर दिया गया. इस मंदिर को अब पहाड़ेश्वर शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है. अमूमन शिवलिंग काले पत्थर के देखे जाते हैं लेकिन यह पौराणिक शिवलिंग गुलाबी पत्थर से निर्मित है.

पहाड़ी दुर्ग के अंदर है शिव मंदिर

कई किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है विजय घंट की टंकार

शिव मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को पहाड़ की दुर्गम चढ़ाई पूरी करनी होती है. शिव मंदिर से करीब 100 मीटर पहले किले के प्रवेशद्वार पर करीब 51 किलो वजनी एक विजय घंट लगा हुआ है. श्रद्धालु मंदिर जाते वक्त इसे बजाते हैं, तो कई किलोमीटर दूर तक इसकी आवाज सुनाई देती है. यह विजय घंट भी रियासतकाल से यहां लगा हुआ है.

किले के द्वार पर विजय घंट

संरक्षण और पहचान की जरूरत

बयाना के किले में स्थित पौराणिक शिव मंदिर को आज संरक्षण की आवश्यकता है. यह मंदिर वर्षों पुराना होने के बावजूद उपेक्षित है. पुरातत्व विभाग की ओर से इस मंदिर के संरक्षण और पहचान के प्रयास करने की आवश्यकता है. हालांकि स्थानीय लोगों में इस मंदिर की खासी मान्यता और पहचान है. यही वजह है कि श्रावण मास में हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने पहुंचते हैं. सामान्य दिनों में भी हर दिन काफी अच्छी संख्या में श्रद्धालु मंदिर आते हैं.

Last Updated : Sep 27, 2021, 7:32 PM IST

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