भरतपुर.केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पानी की किल्लत झेल रहा है (Water Shortage In Keoladeo). हालात यह है कि चंबल से भरा को मिलने वाले 62.5 एमसीएफटी पानी में से भी अभी तक सिर्फ 8.5 एमसीएफटी पानी मिल पाया है, जो कि नाकाफी है. ऐसे में घना पर फिर से जल संकट गहराने लगा है. अगर यही हालात रहे तो घना में नेस्टिंग कर रहे सैकड़ों पक्षियों को रोके रखना मुश्किल हो जाएगा.
तीनों स्रोतों से नहीं मिल पा रहा पानी:असल में केवलादेव उद्यान को पानी उपलब्ध कराने के लिए तीन स्रोतों का इस्तेमाल किया जाता है. चंबल का पानी, गोवर्धन ड्रेन और करौली का पांचना बांध का पानी. इस बार अभी तक पांचना और गोवर्धन से तो बिलकुल भी पानी नहीं मिल पाया है और चंबल से भी बहुत कम पानी मिला है.
ओवरफ्लो होने पर ही मिलेगा पानी: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक अभिमन्यु सहारण ने बताया कि कम बरसात की वजह से अभी तक पांचना बांध और गोवर्धन ड्रेन से घना को पानी नहीं मिल पाया है. अधिक बरसात होने पर पांचना बांध ओवरफ्लो होगा, तो ही घना को पानी मिल पाएगा. निदेशक अभिमन्यु सहारण ने बताया कि वो लगातार करौली जिले के कलेक्टर से संपर्क में हैं जबकि कम बरसात की वजह से गोवर्धन ड्रेन के माध्यम से भी बरसात का पानी घना तक नहीं पहुंच पाया है.