भरतपुर. रविवार को बगधारी में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर महापंचायत (Villagers Mahapanchayat in Bharatpur against Prostitution) आयोजित की. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के मुख्य रास्ते पर लंबे समय से देह व्यापार का धंधा चल रहा है, जिसकी वजह से शराबी, जुआरी और बदमाश किस्म के लोगों का वहां आना जाना रहता है. इस वजह से गांव की सभी परिवारों की बालिकाओं एवं महिलाओं का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. साथ ही हर तरफ गांव की बदनामी भी होती है.
25 गांवों की पंचायत ने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि गांव में से जल्द ही देह व्यापार का धंधा बंद नहीं कराया गया, तो आंदोलन (Villagers Mahapanchayat in Bharatpur against Prostitution) तेज किया जाएगा. इसी मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीणों ने कई घंटे तक महापंचायत आयोजित की. पूर्व में ग्रामीणों द्वारा महापंचायत आयोजित करने की सूचना देने पर मौके पर पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया.
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मजबूरी में कर रहे धंधा:देह व्यापार के धंधे में लिप्त लोगों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि उन्हें मजबूरी में ये धंधा करना पड़ रहा है. अगर सरकार और प्रशासन उन्हें रोजगार और बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराएगा तो वो ये धंधा छोड़ने को तैयार हैं. धंधे में लिप्त लोगों ने बताया कि गांव के लोगों को परेशानी न हो इस वजह से उन्होंने गांव में आना-जाना भी बंद कर दिया है. लेकिन उनकी भी प्रशासन से दरख्वास्त है कि रोजगार और उनके बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाए. पुनर्वासित किया.
गांव में देह व्यापार के खिलाफ ग्रामीणों की महापंचायत बेड़िया बस्ती का पहले ही हुक्का पानी बंद: दरअसल, देह व्यापार के धंधे में लिप्त लोग बेड़िया कहे जाते हैं. इनका इतिहास बहुत पुराना है और कमाई का जरिया देह व्यापार और नाचना गाना है. हाल ही में यहां करीब 10 गांवों की पंचायत हुई थी. जिसमें वेश्यावृत्ति कराने वाले लोगों का गांव से संपर्क खत्म कर दूध पानी सभी चीजें बंद करने का ऐलान किया गया था.
प्रशासन से आश्वासन: महापंचायत की सूचना पाकर मौके पर पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे. एसडीएम देवेंद्र परमार ने बताया कि इस संबंध में जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने हाल ही में बैठक भी आयोजित की थी. गांव में से देह व्यापार का धंधा बंद करा कर इसमें लिप्त बालिकाओं, महिलाओं और परिवारों के पुनर्वास का प्रयास किया जा रहा है. इनको रोजगार दिला कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिशें तेज हो रही हैं.