भरतपुर.नगर निगम में पिछले 25 साल से काबिज भाजपा का इस बार तिलिस्म टूटता दिखाई दे रहा है. भले ही भाजपा ने महापौर पद के लिए शिवानी दायमा को अपने उम्मीदवार के रुप में नामांकन दाखिल करा दिया है. लेकिन भाजपा के ही पूर्व विधायक विजय बंसल का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि भरतपुर में भाजपा का बोर्ड बन सकता था लेकिन प्रदेश से भरतपुर आए पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों ने यहां आकर खेल बिगाड़ दिया.
भाजपा नेता विजय बंसल का बड़ा बयान, VIDEO VIRAL बंसल ने आरोप लगाया है कि भाजपा के ही कुछ नेता नहीं चाहते थे कि भरतपुर में भाजपा का बोर्ड बने. उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि मेयर पद के जो प्रत्याशी थे उनको भी भाजपा के जयपुर से आए नेताओं ने यहां से हटा दिया और डिस्टरबेंस किया, जिससे कि चुनाव लड़ने वाले लोग कोई इंतजाम ना कर सके.
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वायरल वीडियो में पूर्व विधायक विजय बंसल कह रहे हैं कि हर जगह पैसे का खेल चलता है, बिना पैसे के कोई भी चुनाव नहीं जीता जाता है. उन्होंने कांग्रेस के 3 मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस आज सत्ता में है, तीनों मंत्री पैसे की थैली लेकर बैठे हैं. उन्होंने सभी निर्दलीय पार्षद खरीद लिए हैं.
बंसल का दावा है कि उनकी पार्टी के पास आज भी 22 पार्टी सिम्बल पर जीते और 4 समर्थित पार्षदों को जोड़कर कुल 26 पार्षद हैं. फिर भी वह पूर्ण प्रयत्न कर रहे हैं कि भाजपा का बोर्ड बनाए. इसके लिए वह कांग्रेस के कुछ सदस्यों से क्रॉस वोटिंग कराकर भाजपा का बोर्ड बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
साथ ही बंसल ने अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर एक पार्षद से 5 लाख रुपए लिए जाने का भी आरोप लगाया है और कहा है कि वह पार्षद उनके पास आया था और कह रहा था कि पार्टी के कुछ नेताओं ने उससे मेयर बनाने की बात कह कर पैसे ले लिए हैं और अब महापौर पद का प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने कहा कि वह पार्षद पैसों के लिए चक्कर काट रहा है. वहीं, ईटीवी भारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
इस पूरे मामले में अहम बात यह है कि बंसल आखिर भाजपा के किस नेता की ओर इशारा कर रहे हैं, क्या वह पार्टी के प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा हैं या वासुदेव देवनानी जो कि भाजपा के पर्यवेक्षक हैं. इस बयान के बाद यह बात तो साफ हो गई है कि भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं है और इसके बाद यह भी स्पष्ट होता दिखाई दे रहा है कि निकाय चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा सदस्य जीतकर आने के बाद भाजपा आपसी गुटबाजी के चलते यहां पर पिछड़ गई है. वहीं, नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड बनता दिखाई दे रहा है.