भरतपुर.जिले की सुजान गंगा नहर का पानी कभी पीने के काम में लिया जाता था. जब भरतपुर के किले की नींव रखी गई तब सुजान गंगा नहर को बनाया गया था. इतना ही नहीं भरतपुर का लोहागढ़ किला को कोई नहीं जीत पाया. इसमें सुजान गंगा नहर ने भी दुश्मन को रोकने में अपनी अहम भूमिका निभाई, लेकिन आज इस नहर का हाल बेहाल हो चुका है. इस नहर में कूदकर कई लोगों ने आत्महत्या भी की है. लेकिन अब इसका पानी नहर में रहने वाले जीव जंतुओं के लिए जहर साबित हो रहा है.
नहर का पानी दूषित होने के कारण बीते कुछ दिनों में यहां हजारों मछलियां मर गई हैं. इस समय नहर के ऊपर मरी हुईं मछलियां तैर रहीं हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है नहर के पानी में फैला हुआ प्रदूषण. इसकी साफ-सफाई नहीं कराई गई तो मछलियां इसी तरह दम तोड़ती रहेंगी.
मछलियों के मरने से बदबू भी आ रही है. जिस कारण नहर के आस-पास रहने वाले लोगों का बाहर निकलना भी दूभर हो रहा है. नहर के चारों तरफ कई इलाके ऐसे हैं जहां प्राचीन मंदिर बने हुए हैं. मछलियों के शव पानी में तैर कर किनारे आ रहे हैं और आवारा जानवर उनके शवों को लेकर मंदिरों में, सड़कों पर आ जा रहे हैं. इससे और ज्यादा प्रदूषण फैलने की आशंका बन रही है.