भरतपुर.अपना घर आश्रम में रहने वाली शारदा आश्रम प्रबंधन के साथ चिकित्सकों के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है. लगातार 32 बार कोविड टेस्ट कराने पर हर बार शारदा की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसी के चलते अपना घर आश्रम प्रबंधन ने शारदा और उनके साथ रह रही दूसरी मरीज सुनीता को उपचार के लिए जयपुर रवाना कर दिया. लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो शारदा की आहार नाल में मौजूद मृत वायरस की वजह से वह लगातार पॉजिटिव आ रही है.
अपना घर आश्रम की शारदा 32 बार कोरोना पॉजिटिव ऐसी स्थिति में ना तो घबराने की जरूरत है और ना ही बार-बार जांच कराने की आवश्यकता है. कोरोना बीमारी को लेकर चर्चा का विषय बनी इन दोनों मरीजों के बारे में ईटीवी भारत ने विशेषज्ञ चिकित्सकों से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने उनके बार-बार पॉजिटिव होने की वजह का खुलासा किया.
मृत वायरस से आ रही पॉजिटिव रिपोर्ट
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कप्तान सिंह ने बताया कि अपना घर आश्रम की शारदा बीते 32 बार की जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव आई है. इसके पीछे की एक वजह उसकी आहार नाल में मौजूद मृत वायरस हो सकता है, जो बार-बार जांच करने पर पॉजिटिव डिटेक्ट होता है. चेस्ट फिजिशियन डॉ. अविरल कुमार सिंह ने बताया कि कई बार यह देखा गया है कि कोरोना की जांच करने वाली मशीन जिंदा और मृत दोनों तरह के वायरस को डिटेक्ट करती है, लेकिन महिला में कोविड के किसी प्रकार के लक्षण नहीं है और वह खुद को स्वस्थ भी महसूस कर रही है. ऐसे में उनसे अन्य लोगोें में संक्रमण फैलने की आशंका नहीं है.
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जांच कराने की भी जरूरत नहीं
डॉ. कप्तान सिंह ने बताया कि चिकित्सा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार यदि किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति में 10 दिन तक कोरोना के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं तो उनको स्वस्थ मान लिया जाएगा और उनकी जांच कराने की जरूरत भी नहीं है. डॉ. कप्तान सिंह ने बताया कि अपना घर आश्रम की शारदा की कोरोना जांच कराने की आवश्यकता नहीं थी. अपना घर आश्रम ने अपने स्तर पर ही एंटीजन जांच की थी, इस जांच को राज्य सरकार ने मान्यता नहीं दे रखी है.
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एंटीबॉडीज अच्छी मात्रा में नहीं बने
डॉ. कप्तान सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद लक्षण नजर आने के पहले दिन से न्यूनतम पांचवे और छठे दिन तक और अधिकतम 14 दिन तक संक्रमण अवधि (incubation period) होती है. शारदा के साथ की दूसरी महिला मरीज सुनीता का incubation period निकल चुका था. साथ ही संभवत: पहली बार पॉजिटिव आने के बाद सुनीता के शरीर में एंटीबॉडीज अच्छी मात्रा में तैयार नहीं हुए जिसकी वजह से वह बाद में भी कोरोना पॉजिटिव आ गई. लेकिन 32 बार से पॉजिटिव आ रही शारदा की वजह से दूसरी मरीज सुनीता के संक्रमित होने की संभावना बहुत कम है.
बालक भी 13 बार पॉजिटिव आया था
सीएमएचओ डॉ. कप्तान सिंह ने बताया कि अपना घर आश्रम की दोनों महिला मरीजों को उपचार के लिए जयपुर भेजा गया है लेकिन 32 बार पॉजिटिव आई शारदा को उपचार की कोई आवश्यकता नहीं थी. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पहले भी बयाना कस्बे के एक 13 साल के कासिम की रिपोर्ट भी लगातार 13 बार पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उसे उपचार के लिए जयपुर भेजा गया. वहां से भी उसके सैंपल जांच के लिए पुणे लैब भेजे गए, लेकिन बाद में चिकित्सकों ने यही निर्णय लिया की बालक की आहार नाल में मृत वायरस मौजूद है, जिसकी वजह से वह बार-बार पॉजिटिव आ रहा है और बीमारी के कोई लक्षण नहीं होने की वजह से उसे अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया.