राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

भरतपुर में मक्खियों के आतंक से ग्रामीणों का जीना हो रहा मुश्किल - भरतपुर नगर निगम खबर

बॉलीवुड की फिल्म मक्खी को सभी ने देखी होगी, जिसमें एक मक्खी ने एक इंसान का जीना मुश्किल कर दिया था. ऐसा ही एक वाक्या इन दिनों भरतपुर में देखने को मिल रहा है. जहां एक नहीं बल्कि लाखों करोड़ों मक्खियों ने कई गांव वालों का चैन-सुकून छीन लिया है. बता दें कि शहर से रोजाना करीब 150 से 200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां नौह गांव स्थित कचरा घर में डाली जाती हैं. लेकिन यह कचरा खुले में ही सड़क किनारे डाला जाता है, जिससे वहां गंदगी से मक्खियां मंडराती रहती हैं.

भरतपुर मक्खियों का आतंक, Bharatpur Nauh Waste Plant

By

Published : Sep 24, 2019, 11:07 AM IST

भरतपुर.इन दिनों शहर में लाखों करोड़ों मक्खियों ने कई गांव वालों का जीना मुश्किल कर रखा है. वहीं ग्रामीण न चैन से खाना खा सकते और न ही शांति से अपने घर में बैठ सकते हैं. मक्खियों के वजह से ग्रामीण बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.

मक्खियों के आतंक से ग्रामीणों का जीना हुआ मुश्किल

बता दें कि भरतपुर नगर निगम के ओर से संचालित कचरा प्लांट नौह गांव में स्थित है. जहां शहर से रोजाना करीब 150 ट्रैक्टर-ट्राली कचरा उस कचरा गृह में डाला जाता है. वहीं खुले में खेतों के बीच सड़क पर ही रोजाना कचरा डाला जाता है. जहां गंदगी से मक्खियां लाखों करोड़ों की संख्या में वहां मंडराती हैं.

पढ़ेंः अब भरतपुर में पुलिस और सुरेश गुर्जर गैंग के बीच मुठभेड़, मदद करने जा रही पुलिस की दूसरी गाड़ी भी पंचर...

वहीं चारों तरफ बसे करीब पांच गांव के अंदर ये मक्खियां दिन रात ग्रामीणों के घरों में मंडराती रहती हैं. मक्खियों का जमावड़ा उनके खाने, पीने के सामान सहित सभी जगहों पर लगा रहता है. मक्खियों के आतंक से ग्रामीण इतने परेशान है की वे गांव छोड़ने को मजबूर हैं, लेकिन गांव को छोड़कर जाए तो जाए भी कहां. इसलिए ग्रामीण मक्खियों के आतंक के साये में ही जीने को मजबूर हैं.

बता दें कि भारी मात्रा में रोजाना डाले जाने वाले कचरे से प्लास्टिक की थैलियां और गंदगी उनके खेतों में हवा के साथ उड़कर चली जाती है. जिससे खेतों की फसल भी नष्ट हो जाती है. वहीं यह परेशानी इतनी बढ़ गई है कि उनकी कृषि भूमि भी बंजर होती जा रही है, जिससे आगामी समय में फसल पैदा होना भी असंभव प्रतीत होता जा रहा है.

पढ़ेंः भरतपुर: शराबी पति को जमीन बेचने से रोका तो पत्नी को पिलाया जहर

वहीं कचरे से आने वाली बदबू भी लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत है. साथ ही कचरा घर हटाने की मांग को लेकर ग्रामीण कई बार चक्का जाम कर आंदोलन कर चुके हैं. आये दिन विरोध प्रदर्शन भी करते है. वहीं नगर निगम की कचरे से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को वहां जाने से बंद कर देते हैं. लेकिन फिर भी उन्हें मक्खियों के कहर से छुटकारा नहीं मिला है.

नगर निगम की माने तो शहर से रोजाना करीब 150 से 200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां नौह स्थित कचरा घर में डाली जाती है. साथ ही वहां कचरा खुले में ही सड़क किनारे डाला जाता है. यहां कचरे के निस्तारण के लिए किसी भी प्रकार का प्लांट निगम के ओर से नहीं लगाया गया है. न ही कचरे को इकठ्ठा करने के लिए बाउंडरी वॉल बनाई गई है, जिससे कचरा उड़कर खेतों में न जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details