भरतपुर. शहर वासियों के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) पीने के पानी की सप्लाई का जिम्मा संभाल रहा है. भरतपुर शहर में पीएचईडी के 35,562 उपभोक्ता हैं. इनके लिए विभाग की ओर से हर दिन करीब 50-52 मिलीयन लीटर (एमएलडी) पानी सप्लाई किया जाता है. लेकिन विभाग की ओर से अभी तक सिर्फ 15 हजार उपभोक्ताओं के यहां ही मीटर लगाए जा सके हैं. देखिये यह रिपोर्ट...
भरतपुर में पेयजल व्यवस्था की धरातलीय सच्चाई विभाग की ओर से करीब 5 हजार उपभोक्ताओं के और भी मीटर लगाए जाएंगे. लेकिन बाकी 20 हजार उपभोक्ताओं को अभी तक मीटर का इंतजार है. ऐसे में बिना मीटर के गला तर कर रहे उपभोक्ताओं को विभाग की ओर से अनुमानित पानी का बिल भेजा जा रहा है.
ये है भरतपुर की पेयजल व्यवस्था यह है भरतपुर शहर में पेयजल सप्लाई का गणित
अधिशासी अभियंता भागीरथ गालव ने बताया कि भरतपुर शहर में रेलवे, कॉलेज, अस्पताल समेत आम उपभोक्ताओं को कुल 50-52 पेयजल हर दिन सप्लाई किया जाता है. इसमें से आम उपभोक्ताओं के लिए करीब 42 से 43 एमएलडी पानी उपलब्ध कराया जाता है. नियमानुसार शहरवासियों को प्रति व्यक्ति 135 लीटर प्रतिदिन के हिसाब से पानी सप्लाई किया जाता है. इसमें से 10 एमएलडी पानी बंध बारेठा से और करीब 42 एमएलडी पानी चंबल परियोजना से सप्लाई होता है.
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हर दिन व्यर्थ बह रहा 10 एमएलडी 'अमृत '
अधिशासी अभियंता भागीरथ गालव ने बताया कि शहर को सप्लाई किए जाने वाले पानी में से करीब 20% यानी कि करीब 10 एमएलडी पानी छीजत में चला जाता है. सरल भाषा में कहें तो 10 एमएलडी पानी हर दिन पाइप लाइन की लीकेज और चोरी करने वाले लोगों की भेंट चढ़ जाता है. हालांकि विभाग की ओर से लीकेज ठीक करने के कारण समय-समय पर किए जाते हैं और चोरी से पानी पीने वाले लोगों के कनेक्शन देने के लिए शिविर भी आयोजित किए जाते हैं.
भरतपुर में घर के बाहर से चोरी हो जाते हैं पानी के मीटर 20 हजार उपभोक्ताओं को मीटर का इंतजार
अधिशासी अभियंता भागीरथ गालव ने बताया कि शहर में पीएचईडी के कुल 35,562 उपभोक्ता हैं. इनमें से करीब 15 हजार उपभोक्ताओं के मीटर लगवा दिए गए हैं और 5 हजार उपभोक्ताओं के भी जल्द ही मीटर लगाए जाएंगे. लेकिन बाकी बचे करीब 20 हजार उपभोक्ताओं के मीटर लगाने को लेकर विभाग अभी तक कोई योजना नहीं बना पाया है.
मीटर वालों को भी मिल रहे औसत बिल
हालांकि विभाग की ओर से शहर में करीब 15 हजार उपभोक्ताओं के मीटर लगा दिए गए हैं. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जिन उपभोक्ताओं के मीटर लगे हुए हैं. उनकी मीटर की रीडिंग लेने के लिए विभाग की ओर से कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचता और सभी उपभोक्ताओं को औसत बिल ही भेजे जा रहे हैं.
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जवाहर नगर निवासी उपभोक्ता डॉ सतीश त्रिगुणायत ने बताया कि उनके घर पर करीब डेढ़ साल पहले घर के बाहर पानी का मीटर लगा दिया गया था. लेकिन कुछ समय बाद में ही वह मीटर चोरी हो गया. जिसकी शिकायत करने के बाद संबंधित ठेकेदार ने दोबारा मीटर लगाया. लेकिन मीटर लगने के डेढ़ साल बाद भी एक भी बार विभाग के किसी कर्मचारी ने मौके पर पहुंचकर मीटर की रीडिंग नहीं ली है. हर 2 माह में विभाग की ओर से अनुमानित औसत बिल भेज दिया जाता है.
20 हजार उपभोक्ताओं को पानी के मीटर का इंतजार चोरी होने के बाद नहीं लगे मीटर
पुष्प वाटिका कॉलोनी निवासी पवन सोलंकी ने बताया कि उनके यहां भी करीब डेढ़ साल पहले घर के बाहर पानी के कनेक्शन के मीटर लगाए गए थे. लेकिन उनके समेत गली के कई लोगों के पानी के मीटरों को चोर चोरी करके ले गए. उसके बाद विभाग में शिकायत भी की लेकिन दोबारा मीटर नहीं लगाए गए. ऐसे में बिना मीटर के ही औसत बिल भेजे जा रहे हैं.
पीएचईडी के कुल 35,562 उपभोक्ता गर्मी में बढ़ जाती है खपत
अधिशासी अभियंता भागीरथ गालव ने बताया कि गर्मी के मौसम में हर दिन करीब 3-4 एमएलडी पानी की खपत बढ़ जाती है. ऐसे में अंतिम छोर के उपभोक्ताओं को टैंकरों से भी पेयजल सप्लाई की जाती है. हर दिन करीब 50 ट्रिप टैंकर पेयजल सप्लाई किया जाता है.