भरतपुर.तकनीक आधुनिक जमाने की जरूरत ही नहीं आवश्यकता भी बन गई है. आज की दुनिया में हर कोई ऑनलाइन ही सारी जानकारियां प्राप्त करना चाहता है. मोबाइल पर आप कुछ पलों में ही दुनिया की किस कोने में क्या हो रहा है पता कर सकते हैं. भारत का सबसे पुराने विभागों में एक डाक विभाग भी अब तकनीक का इस्तेमाल करके अपनी कार्यप्रणाली को बेहतर और पारदर्शी बनाने पर जोर दे रहा है.
नन्यथा एप के माध्यम से हो रही है लेटर बॉक्स की मॉनिटरिंग भरतपुर जिले का डाक विभाग अब हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. विभाग ने अब लेटर बॉक्स की मॉनिटरिंग ऑनलाइन शुरू कर दी है. 'नन्यथा एप' के जरिए विभाग ने 59 लेटर बॉक्स की ऑनलाइन मॉनिटरिंग शुरू की है. इसके लिए प्रत्येक लेटर बॉक्स को एक यूनिक आईडी दी गई है और जीपीएस टैगिंग के माध्यम से इनकी एग्जैक्ट लोकेशन भी पता चलती है. इतना ही नहीं किस लेटर बॉक्स से कितने पत्र निकाले गए हैं, इसकी जानकारी भी अब ऑनलाइन दर्ज की जा रही है. साथ ही डाक डिलीवरी की अपडेट भी पोस्टमैन डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से कर रहे हैं.
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मुख्य डाकघर के अधीक्षक एसएन सैनी ने बताया कि 'नन्यथा App' में भरतपुर जिले के 59 लेटर बॉक्स रजिस्टर्ड किए गए हैं. इनमें भरतपुर शहरी क्षेत्र के 15 लेटर बॉक्स रजिस्टर्ड किए गए हैं और कामां, नगर, डीग, नदबई, पहाड़ी, जुरहरा, कुम्हेर व सेवर के 44 लेटर बॉक्स रजिस्टर्ड किए गए हैं. जिले में कुल लेटर बॉक्स की संख्या 313 है. 450 कर्मचारी डाक विभाग में काम करते हैं. साथ ही रोजाना 4400 डाक आती-जाती हैं.
59 लेटर बॉक्स की ऑनलाइन मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई है कैसे काम करती है ये APP
सबसे पहले 'नन्यथा एप' के माध्यम से प्रत्येक लेटर बॉक्स को कनेक्ट किया जाता है. इसके लिए सभी लेटर बॉक्स को एक यूनिक आईडी अलॉट की जाती है और एक बार कोड लगाया जाता है. कर्मचारी मोबाइल के माध्यम से उस बॉक्स की लोकेशन पर पहुंचकर उसकी जीपीएस से लोकेशन ट्रेस करता है. उसके बाद यूनिक आईडी को मोबाइल में दर्ज करके डाक निकालता है. पोस्टमैन लेटर बॉक्स से निकाले गए पत्रों की संख्या को काउंट करता है. उसके बाद लेटर्स की संख्या को नन्यथा एप में दर्ज करता है. इससे लेटर बॉक्स की पूरी डिटेल ऑनलाइन अपडेट हो जाती है. मॉनिटरिंग यूनिट के पास पूरी डिटेल पहुंच जाती है कि किस लेटर बॉक्स को कब खोला गया. उससे कितने लेटर निकाले गए.
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आमजन भी कर सकते हैं ऑनलाइन चेक
एसएन सैनी ने बताया कि नन्यथा ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर आम व्यक्ति भी सिस्टम में रजिस्टर्ड किसी भी लेटर बॉक्स की निकासी चेक कर सकते हैं. इतना ही नहीं जिस कर्मचारी ने लेटर बॉक्स से डाक निकाली है, उसका नाम, बॉक्स से निकाले गए पत्रों की संख्या, कितने बजे डाक निकासी की गई, यह सारी जानकारी कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन आसानी से देख सकता है.
डाक वितरण करने के बाद लिए जा रहे हैं डिजिटल सिग्नेचर डिलीवरी की अपडेट डिजिटल हस्ताक्षर से
डाक विभाग ने डाक डिलीवरी की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए भी पोस्टमैन डिलीवरी एप का इस्तेमाल शुरू किया है. इसके माध्यम से जो भी पोस्टमैन संबंधित व्यक्ति तक डाक पहुंचाता है तो उसे उस व्यक्ति के डिजिटल हस्ताक्षर मोबाइल पर करवाने होते हैं. जिसके बाद डाक डिलीवरी तुरंत ऑनलाइन अपडेट हो जाती है. साथ ही कौन-सी डाक समय पर पहुंच रही है और कौन सी देरी से पहुंच रही है, इसकी जानकारी भी मिलती रहती है. डाक विभाग की तरफ से शुरू की गई इन कवायदों के बाद लेटलतीफी पर नकेल कसेगी और पोस्टमैनों की जवाबदेही तय होगी.