भरतपुर.अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर जिलों में इस बार चना की करीब दोगुने क्षेत्रफल में बुवाई हुई है. ऐसे में कृषि अधिकारियों का मानना है कि संभाग के किसानों को इस बार चने की फसल, सरसों और गेहूं की तुलना में ज्यादा मुनाफा देने वाली साबित हो सकती है.
कृषि विभाग भरतपुर खंड के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि इस बार पूरे संभाग में 48 हजार हेक्टेयर में चना की बुवाई का लक्ष्य था. लेकिन अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक हुई मानसूनी बरसात के चलते किसानों ने 3 और बाजरे की फसल की कटाई के बाद चना की बुवाई को ज्यादा प्राथमिकता दी.
यही वजह है कि भरतपुर में 4 हजार हेक्टेयर लक्ष्य की तुलना में 7 हजार 633 हेक्टेयर में चना की बुवाई की गई. इसी तरह अलवर में 10 हजार हेक्टेयर लक्ष्य की तुलना में 17007 हेक्टेयर में, सवाई माधोपुर में 25 हजार हेक्टेयर के लक्ष्य की तुलना में 55 हजार 600 हेक्टेयर भूमि में चना की बुवाई की गई. कुल मिलाकर संभाग में इस साल चने की बुवाई का लक्ष्य 48 हजार हेक्टेयर का था. लेकिन किसानों ने 89 हजार 436 हेक्टेयर भूमि में चना की बुवाई की है, जो कि किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.