भरतपुर. 151वीं गांधी जयंती के उपलक्ष्य में भरतपुर जिले में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें अलग-अलग तरह से लोगों ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सरकारी कर्मचारियों ने महात्मा गांधी के मूर्ति के नीचे बैठकर मौन व्रत रखा.
उनका कहना है कि कोरोना के बहाने राज्य सरकार सरकारी कर्मचारियों से वसूली कर रही है. सरकार कर्मचारियों की गर्दन काट रही है और जिस हिसाब से सरकार वेतन कटौती कर रही है, उस हिसाब से एक कर्मचारी को साल में करीब 2 लाख रुपये का घाटा जा रहा है.
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कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने ग्रेड के हिसाब से सभी कर्मचारियों की 1-2 दिन की वेतन कटौती शुरू कर दी है. कोरोना महामारी की शुरुआत में सरकारी कर्मचारियों ने अपनी स्वेच्छा से 1 दिन से लेकर 5 दिन तक का वेतन दिया था. लेकिन उसके वावजूद राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों का मार्च का वेतन रोक रखा है.
कोविड के नाम पर राज्य सरकार कर्मचारियों से वसूली कर रही है. जबकि सरकार के पास पैसे आने के संसाधन बहुत हैं. उसके बाद भी सरकारी कर्मचारियों की वेतन कटौती की जा रही है. सरकार कर्मचारियों की गर्दन काटने में लगी हुई है. अब सरकार से यही मांग है कि राज्य सरकार कर्मचारी हित मे फैसला ले और वेतन कटौती के आदेशों को निरस्त करे.