भरतपुर. जेल के अंदर से कॉल करने और गैंग चलाने वाले अपराधियों पर जल्द ही लगाम लगने वाली है. भरतपुर के सेवर केंद्रीय कारागृह के साथ ही प्रदेश के सभी केंद्रीय कारागृह की सुरक्षा व्यवस्था हाईटेक होने वाली है. जल्द ही प्रदेश की सेंट्रल जेलों को अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए जाएंगे, जिससे जेल के अंदर मोबाइल छुपाने वाले और कॉल करने वाले अपराधियों पर सख्ती से लगाम लग सकेगी. इसके तहत कुछ सुरक्षा उपकरणों को सेवर केंद्रीय कारागृह पहुंचा दिया गया है और अन्य उपकरण भी जल्द उपलब्ध करा दिए जाएंगे.
जेल अधीक्षक अशोक वर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की संयुक्त योजना के तहत सेवर केंद्रीय कारागृह समेत प्रदेश के अन्य केंद्रीय कारागृह में भी कई अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके लिए मुख्यालय की ओर से सभी सेंट्रल जेल से सुझाव मांगे गए हैं.
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नहीं ले जा पाएंगे आपत्तिजनक समान- अधीक्षक अशोक वर्मा ने बताया कि जेल के अंदर आने वाले बंदियों के सामान की तलाशी के लिए हाल ही में मुख्य द्वार पर बैगेज स्कैनर इंस्टॉल कराया गया है. इससे बंदियों के सामान और बैग की सख्ती से जांच करने में सुविधा हो रही है. जिससे जेल के अंदर सामान में छुपाकर आपत्तिजनक सामग्री अंदर ले जाने पर पाबंदी लगेगी.
हाईटेक होगी राजस्थान की सभी सेंट्रल जेलें 53 वॉकी टॉकी- अशोक वर्मा ने बताया कि जेल के अंदर सभी कर्मचारियों की आपस में अच्छी कनेक्टिविटी के लिए 53 वॉकी टॉकी मंगवाए गए हैं. कई बार मोबाइल नेटवर्क की समस्या के चलते स्टाफ की आपसी कनेक्टिविटी में परेशानी होती है. साथ ही भविष्य में अत्याधुनिक जैमर लगने की स्थिति में भी पूरा स्टाफ एक दूसरे से आसानी से संपर्क में रहेगा.
पोर्टेबल जैमर से रुकेगी 4G कॉलिंग- अभी सेवर केंद्रीय कारागृह में 2G जैमर लगे हुए हैं, लेकिन ये जैमर 4G और 5G कॉलिंग पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं. ऐसे में मुख्यालय को अत्याधुनिक पोर्टेबल जैमर का सुझाव भेजा गया है, जो जल्द ही उपलब्ध होने की संभावना है. यह जैमर कहीं भी आसानी से रखा जा सकेगा और 4G, 5G हर तरह की कॉलिंग पर लगाम लगा सकेगा. इससे जेल के अंदर से छुपकर कॉलिंग करने वाले अपराधियों पर भी रोक लग सकेगी.
बॉडी कैविटी स्कैनर- जेल के अंदर अपराधी कई बार इलेक्ट्रॉनिक चिप या अन्य आपत्तिजनक सामग्री को शरीर के अंदर छुपा लेते हैं. ऐसे हालात से निपटने के लिए सेंट्रल जेल को बॉडी कैविटी स्कैनर उपलब्ध कराया जाएगा, जो कि शरीर के अंदर छुपी इलेक्ट्रिक डिवाइस या अन्य आपत्तिजनक सामग्री को आसानी से चेक कर अलर्ट कर देगा.
अधीक्षक अशोक वर्मा ने बताया कि इनके साथ ही कई और अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण जेल को उपलब्ध कराए जाएंगे. मुख्यालय को सेवर जेल समेत प्रदेश की सभी सेंटर जेल से सुरक्षा उपकरणों के सुझाव भेज दिए गए हैं. इससे जेल में बंद अपराधियों द्वारा की जाने वाली आपराधिक और आपत्तिजनक गतिविधियों पर लगाम लगाने में आसानी हो सकेगी. साथ ही अशोक वर्मा ने बताया कि जेल के अंदर नफरी भी कम है जिसको बढ़ाने की जरूरत है और अन्य सुविधाओं के विस्तार की भी आवश्यकता है.
गौरतलब है कि कई बार जेल के अंदर बंद अपराधी जेल में से ही गैंग का संचालन करते हैं. प्रदेश में अलग-अलग जेलों से रंगदारी की धमकियों की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं. ऐसे में यह अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण जेल की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने में सहायक सिद्ध होंगे.