भरतपुर. देश में जो तीन काले कानून लागू किए गए हैं यह तीनों ऐसे कानून हैं जिन्हें कृषि कानून कहा जाता है, लेकिन हकीकत में ये देश में किसानी को खत्म करने का कानून है. यह बात मंगलवार को जिले के बयाना क्षेत्र के जैसोरा पंचायत के फतेहसागर पर किसान महापंचायत में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कही.
सचिन पायलट ने कहा कि इस देश की दो तिहाई जनता खेती करके पेट पालती है और इस देश का अन्नदाता पूरे मुल्क का पेट पालता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि देश के किसान की आमदनी दोगुनी होगी, लेकिन मैं आज तक ऐसे किसी किसान से नहीं मिला जिसने कहा हो कि उसकी आमदनी दोगुनी हो गई है.
'किसान गुलाम बन जाएगा'
सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आमदनी दोगुना करना तो छोड़ो बल्कि इन तीन कृषि कानूनों से देश का किसान अपनी जमीन और अपने ही खेत पर गुलाम बन जाएगा. पायलट ने कहा कि 4 बीघे में खेती करने वाला किसान 10 बोरी अनाज लेकर बड़े शहरों में जाकर धन्ना सेठ के पास जाएगा और यदि उन्होंने माल नहीं खरीदा या माल खरीद कर पैसा नहीं दिया तो किसान किसका दरवाजा खटखटाएगा.
पायलट ने किसानों से एकजुट होने का किया आह्वान कृषि कानूनों में किसानों का कोई हित सुरक्षित नहीं है: पायलट
पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार के इन तीनों कृषि कानूनों में किसानों का कोई हित सुरक्षित नहीं है. इन कानूनों में कोई प्रावधान नहीं है. सचिन पायलट ने कहा कि मैं भी चाहता हूं कि खेती और कृषि में निवेश हो लेकिन किसानों को पाबंद कर देना और मंडियों को बंद कर दिया जाएगा तो किसान कहां जाएगा.
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पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि जनता ने दिल्ली की सत्ता जिनके हाथों में दी थी, वो आज साजिशपूर्ण तरीके से देश के अन्नदाता के पेट पर लात मारने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान की कोई जाति नहीं है, इसलिए किसान को आज एकजुट होना पड़ेगा. इस मुश्किल समय में एकजुटता दिखानी है.
पायलट ने किसान महापंचायत को किया संबोधित पायलट ने किसानों से एकजुट होने का किया आह्वान
सचिन पायलट ने सभी किसानों से आह्वान किया कि आने वाले समय में सभी 36 कौमों को एकजुट होना है और गांधीवादी तरीके से केंद्र सरकार को मजबूर किया जाएगा कि वो काले कानून वापस लें. केंद्र सरकार किसानों से आकर बात करें कि किसान क्या चाहता है और उसके बाद कोई नए कानून बनाया जाए. पायलट ने कहा कि कोई भी सरकार जनता से बड़ी नहीं हो सकती क्योंकि जनता जिसका बटन दबाएगी, उसी की सरकार बनेगी.
गूंजा जय जवान, जय किसान का नारा
पायलट ने कहा कि करीब 12-13 साल बाद फिर से यहां आने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि साढ़े 6 घंटे का सफर तय करके आया हूं. इस अवसर पर पायलट ने कहा कि दिल्ली में बॉर्डर पर किसानों के लिए केंद्र सरकार ने कीलें तक गढ़वा दीं, जबकि देश के बॉर्डर पर जो फौजी तैनात हैं वो किसान के ही बेटे हैं. सचिन पायलट ने मंच पर खड़े होकर जय जवान, जय किसान का नारा बोला और पूरा माहौल इस नारे से गूंज उठा.
सचिन पायलट के लिए मांगा समर्थन
पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 में किए गए वादों को 2019 तक पूरे नहीं कर पाई और वर्ष 2019 के वादे अब तक पूरे नहीं कर पाई. सिंह ने जनता के सामने सवाल रखा कि नरेंद्र मोदी किसान के पक्ष में है या विरोध में. इस पर भीड़ से आवाज आई कि मोदी किसानों के विरोध में हैं.
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विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कहा था कि विदेश से करोड़ों का काला धन देश में लेकर आएंगे और किसानों और गरीबों के खातों में 15 -15 लाख रुपए जमा कराए जाएंगे, लेकिन वो भी नहीं हुआ. इस दौरान उन्होंने मंच से खड़े होकर जनता से पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के लिए समर्थन भी मांगा.
किसान महापंचायत में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और पूर्व मंत्री रमेश मीणा भी मौजूद रहे. पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने भी कृषि कानूनों के नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी. महापंचायत में लोगों की भारी भीड़ जमा हुई और कई किलोमीटर दूर तक वाहनों की वजह से लंबा जाम लग गया.