राजस्थान

rajasthan

मेडिकल स्टोर पर बेचा जा रहा घरेलू सामान, सतर्कता टीम ने छापामार कार्रवाई कर दर्ज कराया मामला

By

Published : Aug 13, 2022, 8:54 AM IST

आरजीएचएस सतकर्ता दल छापामार कार्रवाई में चौंकाने वाले खुलासे हुए. पता चला कुछ मेडिकल स्टोर्स पर दवाइयों का पूरा बिल बनवा कर या तो 50 प्रतिशत राशि का अन्य सामान दिया जा रहा है, या फिर दवाई विक्रेता 50 प्रतिशत राशि अपने पास रख रहे हैं. कई मामलों में खुद सरकारी कर्मचारी भी डॉक्टर की फर्जी पर्ची बनवाकर व दवाई लिखवाकर आधे रुपये खुद रख रहे हैं और आधे मेडिकल स्टोर संचालक को दे रहे हैं.

Raid at medical store in Bharatpur
मेडिकल स्टोर पर बेचा जा रहा घरेलू सामान

भरतपुर.राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (RGHS) में दवाइयों के नाम पर मेडिकल स्टोर संचालक बड़ा फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. दवा विक्रेता डॉक्टर से दवाइयां लिखा सरकारी कर्मचारियों को कुल बिल के 50 प्रतिशत राशि में घरेलू सामान बेच रहे हैं या फिर आधी राशि खुद के जेब में रख रहे हैं. शुक्रवार को आरजीएचएस के (Rajasthan government health scheme Fraud) सतकर्ता दल ने एक दवा विक्रेता पर छापामार कार्रवाई कर मामला उजागर किया है.

आरजीएचएस प्रशासन के संयुक्त परियोजना निदेशक सुरेशचंद मीना ने इसको लेकर मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज कराया है. उन्होंने बताया कि श्रीजी मेडिकल एंड डिपार्टमेंटल स्टोर पर आरजीएचएस में फर्जीवाड़ा होने की सूचना मिली थी. शिकायत के बाद 27 जुलाई को सतर्कता दल ने आरजीएचएस से अनुमोदित मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया. 28 जुलाई को दल कन्नी गुर्जर चौराहा स्थित श्रीजी मेडिकल एंड डिपार्टमेंटल का निरीक्षण करने पहुंचा लेकिन यहां इस नाम से कोई मेडिकल स्टोर नहीं था. पूछताछ करने पर पता चला कि मेडिकल खुशबू मेडिकल के नाम से संचालित किया जा रहा है.

ऐसे हुआ खुलासा: इस दुकान पर टीम सदस्य शिक्षा विभाग का कर्मचारी बनकर 27 जुलाई को आरबीएम अस्पताल से कटवाई गई पर्ची (Fraud at Medical store in Bharatpur) से दवाइयां लेने गया. मेडिकल स्टोर संचालक ने टीम सदस्य से पूछा कि किस व्यक्ति की पर्ची बनवानी है. जिसपर टीम सदस्य लक्ष्मण प्रसाद ने पत्नी हेमलता कुमारी के नाम पर्ची बनवाने के लिए कहा गया. मेडिकल कर्मी ने टीम सदस्य को 30 मिनट बाद आने को कहा.

पढ़ें. Maharana Bhupal Hospital : 4 साल के मासूम को सर्दी-जुकाम में मिर्गी की दवा देने का आरोप, जांच शुरू...यह है पूरा मामला

30 मिनट बाद टीम सदस्य दुबारा पहुंचे तो दुकानदार नहीं था. ऐसे में एक घंटे बाद आने को कहा गया. एक घंटे बाद पहुंचे तो दुकानदार ने डॉ. भूपेंद्र कुमार कौशिक के लेटरहेड पर हेमलता कुमारी की दवाइयां लिखवा कर तैयार कर रखा था. दुकानदार को सदस्य ने घरेलू सामान लेने के बारे में बताया. मेडिकल स्टोर वाले ने टीम सदस्य से एसएसओ आईडी और पासवर्ड बताने को कहा, लेकिन टीम सदस्य ने स्वयं ही आईडी जारी की.

इसके बाद मेडिकल स्टोर वाले ने 5486.64 रुपये का बिल बनाया. उसने बताया कि आपका बिल टैक्स काटकर 4995 रुपये (Raid at medical store in Bharatpur) का बना है. इसका 50 प्रतिशत 2494 रुपये है. 200 रुपये डॉक्टर की फीस है. इसके अलावा 2304 रुपये का घरेलू सामान दे दिया गया है.

ऐसे कर रहे फर्जीवाड़ा:कार्रवाई के बादये बात सामने आई है कि कुछ मेडिकल स्टोर्स पर दवाइयों का पूरा बिल बनवा कर या तो 50 प्रतिशत राशि का अन्य सामान दिया जा रहा है, या फिर दवाई विक्रेता 50 प्रतिशत राशि अपने पास रख रहे हैं. कई मामलों में खुद सरकारी कर्मचारी भी डॉक्टर की फर्जी पर्ची बनवाकर व दवाई लिखवाकर आधे रुपये खुद रख रहे हैं और आधे मेडिकल स्टोर संचालक को दे रहे हैं. ऐसे प्रकरणों का खुलासा करने के लिए सतर्कता टीम औचक निरीक्षण कर रही हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details