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PM केयर फंड के वेंटिलेटर से चांदी कूट रहा निजी अस्पताल, कलेक्टर ने कहा- सरकारी अस्पताल में नहीं हो रहा था उपयोग - वेंटिलेटर मामले को लेकर भाजपा ने साधा निशाना

भरतपुर में इन दिनों कोरोना महामारी अपने पैर पसारती जा रही है. सरकारी अस्पतालों में इलाज के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ जिला आरबीएम अस्प्ताल प्राइवेट अस्पतालों को सुविधा देने में लगा हुआ है. आरबीएम अस्पताल 10 वेंटिलेटर 2 हजार रुपए प्रति दिन के हिसाब से एक प्राइवेट अस्पताल को किराए पर दिए हैं और उन्हीं वेंटिलेटर से वही प्राइवेट अस्पताल प्रतिदिन हजारों रुपए तक वसूल रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

Private hospital is using government ventilator,  Death from Corona in Bharatpur
PM केयर फंड के वेंटिलेटर से चांदी कूट रहा निजी अस्पताल

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Published : May 9, 2021, 5:17 PM IST

भरतपुर.संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल में मरीजों के उपचार के लिए पीएम रिलीफ फंड से 40 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए लेकिन स्थानीय प्रशासन और अस्पताल प्रशासन ने इनमें से 10 वेंटिलेटर ना कुछ किराया राशि पर जिंदल अस्पताल को उपलब्ध करा दिए. अब जिंदल अस्पताल इन वेंटिलेटर से हर दिन कोरोना मरीजों से लाखों रुपए की कमाई कर रहा है. वहीं, जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता का कहना है कि ये वेंटिलेटर आरबीएम अस्पताल में उपयोग में नहीं आ पा रहे थे, इसलिए निजी अस्पताल को उपलब्ध करा दिए.

PM केयर फंड के वेंटिलेटर से चांदी कूट रहा निजी अस्पताल

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जबकि हकीकत यह है कि आरबीएम जिला अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड कम पड़ रहे हैं. जिला प्रशासन और अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही पर भरतपुर सांसद रंजीता कोली ने पूरे मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ राज्य सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है.

आरबीएम में नहीं हो रहा था उपयोग: कलेक्टर

जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि पीएम रिलीफ फंड से मिले 40 वेंटिलेटर में से 20 वेंटिलेटर नॉन कोविड आईसीयू में रखे हैं. 20 वेंटिलेटर कोविड आईसीयू में रखे थे. इसके अलावा स्टाफ की उपलब्धता, ऑक्सीजन पॉइंट और ऑक्सीजन की उपलब्धता के अनुसार हमारे बीच वेंटिलेटर का उपयोग नहीं हो पा रहा था और वो बंद पड़े थे. इसलिए हमने तय किया कि यदि कोई निजी अस्पताल हमारे वेंटिलेटर ऑन कॉस्ट इस्तेमाल करना चाहे तो वो ले सकते हैं. इसी के तहत हमने 10 वेंटिलेटर जिंदल अस्पताल को 2 हजार रुपए प्रतिदिन किराया राशि पर उपलब्ध करा दिए.

2 हजार किराया देकर कमा रहे 35 हजार

जिला प्रशासन एवं आरबीएम अस्पताल प्रशासन ने 10 वेंटिलेटर जिंदल अस्पताल को 2 हजार रुपए प्रतिदिन प्रति वेंटिलेटर के किराए के हिसाब से उपलब्ध करा दिए. जानकारी के अनुसार जिंदल अस्पताल संचालक इन वेंटिलेटर से कोरोना मरीजों के परिजनों से प्रति वेंटिलेटर प्रतिदिन 35 से 38 हजार रुपए तक वसूल रहा है. अगर यही वेंटिलेटर आरबीएम अस्पताल में मरीजों के उपचार के लिए इस्तेमाल किए गए होते तो मरीजों के लिए यह सुविधा निशुल्क मिलती.

आदेश की कॉपी

सांसद से छुपाते रहे जानकारी

सांसद रंजीता कोली ने बताया कि पीएम रिलीफ से मिले वेंटिलेटर के बारे में बीते 2 महीने से वो लगातार जानकारी मांग रही थी कि वो वेंटिलेटर कहां लगाए गए हैं और उनका क्या उपयोग किया जा रहा है. लेकिन वो जानकारी छुपाते रहे. सांसद रंजीता कोहली ने कहा कि जिला कलेक्टर का कहना था कि वो वेंटिलेटर कंडम थे लेकिन हकीकत में वो बिल्कुल सही थे.

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दोषी अधिकारियों के खिलाफ हो कार्रवाई

सरकारी वेंटिलेटर के दुरुपयोग मामले में भाजपा सांसद रंजीता को लेने राज्य सरकार से पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग की है. सांसद रंजीता ने कहा कि भरतपुर के 2-2 मंत्रियों के होते हुए सरकारी वेंटिलेटर का दुरुपयोग किया जा रहा है. यह घोर लापरवाही है. सांसद ने राज्य सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले में जिंदल अस्पताल और दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए.

दूध का दूध, पानी का पानी हो: भजनलाल शर्मा

भाजपा प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि ये दुख की बात है कि पीएम फंड के वेंटिलेटर को आरबीएम अस्पताल में शुरू करने के बजाय निजी अस्पतालों को सिर्फ 2 हजार रुपए प्रति वेंटिलेटर प्रतिदिन किराया राशि पर उपलब्ध करा दिया, यह किस तरह की व्यवस्था है. जबकि जनता उपचार के लिए त्राहि-त्राहि कर रही है. भजन लाल शर्मा ने चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग निशाना साधते हुए कहा कि वो हर दिन अखबार में अपना फोटो, विज्ञापन और खबर दे रहे हैं लेकिन हकीकत में हो क्या रहा है.

जबकि भाजपा ने प्रशासन से हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया. बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन की ओर से इस तरह का काम किया जा रहा है. भजन लाल शर्मा ने राज्य सरकार से पूरे मामले की गहनता से जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करने की मांग की है.

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