भरतपुर.अपना घर आश्रम में रह रहे देशभर के अलग-अलग हिस्सों के 140 लावारिस लोगों में एक मुद्दत के बाद घर वापसी की उम्मीद जगी थी. लेकिन लॉकडाउन के चलते अब इनकी घर वापसी अटकी हुई है. अपना घर आश्रम में रह रहे इन लोगों का बड़ी मुद्दत के बाद पता- ठिकाना मिला है. लेकिन लॉकडाउन इनकी घर वापसी के रास्ते की दीवार बना हुआ है. घर वापसी का इंतजार कर रहे इन आवासियों में से अधिकतर बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश के हैं.
अपना घर आश्रम की प्रशासनिक अधिकारी बबीता गुलाटी ने बताया कि आश्रम में निवासरत 140 लोगों के परिजनों का पता चल गया है लेकिन लॉकडाउन के चलते किसी के भी परिजन इन्हें ले जाने के लिए आश्रम नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे में आश्रम ने इन लोगों के परिजनों की तलाश फिलहाल रोक दी है. क्योंकि अगर परिजनों का पता चल जाता है और परिजन बात भी कर लेते हैं तो इन लोगों में घर जाने की बेचैनी बढ़ जाएगी. उन्हें अपने घर जाने की चिंता सताने लगेगी. क्योंकि अधिकतर लोग मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार और कमजोर हैं.
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प्रशासनिक अधिकारी बबीता ने बताया कि आश्रम में रह रहे उदयपुर निवासी 60 साल के नागेश नारायण 2 साल पहले अजमेर में मानसिक रूप से विक्षिप्त मिले थे. स्वस्थ होने पर अपना घर आश्रम की पुनर्वास टीम ने उनका घर का पता ट्रेस कर लिया. उनके बड़े भाई से बात भी हो गई. नागेश के भाई पहले लॉकडाउन के बाद 14 अप्रैल को आने वाले थे लेकिन उसके बाद लॉकडाउन 2.0 घोषित हो गया और वो नहीं आ सके. उन्होंने 17 अप्रैल को अपने छोटे भाई नागेश से सुबह 9 बजे बात की और समझाया कि वे 3 मई के बाद लेने आएंगे लेकिन नागेश इस इंतजार को बर्दाश्त नहीं कर सके और उसी दिन उनका निधन हो गया.