भरतपुर. कोरोना के कहर से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त है. कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव होने के बाद घर लौटे लोग भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पाए हैं. यही वजह है कि स्वस्थ होकर घर लौटे लोगों को भी कोरोना 'दर्द' दे रहा है. कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव होने के बाद भी लोगों में कई तरह के साइड इफेक्ट नजर आ रहे हैं. ऐसे में इस तरह के मरीजों के स्वास्थ्य को देखते हुए जिला मुख्यालय स्तर पर शुरू किया गया पोस्ट कोविड केयर सेंटर 'संजीवनी' बनकर उभर रहा है. सेंटर पर ऐसे मरीजों को आयुर्वेदिक चिकित्सा, यूनानी, होम्योपैथी और योग के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ दिया जा रहा है.
ऐसे- ऐसे साइड इफेक्ट
सेंटर के प्रभारी डॉ चंद्रप्रकाश दीक्षित ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव होने के बाद भी लोगों में कई तरह के साइड इफेक्ट और बीमारियां उभर कर सामने आ रही हैं. डॉ दीक्षित ने बताया कि नेगेटिव होने के बाद भी कई लोगों में चक्कर आना, भूख नहीं लगना, सांस लेने में दिक्कत, हाथ पैरों में दर्द, सुन्नापन आदि लक्षण देखने को मिल रहा है. हालात यह है कि कई मरीजों के हाथों में तो इतना कंपन है कि वह हस्ताक्षर ही सही तरीके से नहीं कर पा रहे.
मरीज की जुबानी
भरतपुर शहर के भाषण के क्षेत्र निवासी मरीज संजू जैन ने बताया कि 16 नवंबर को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई और 2 दिसंबर को वो नेगेटिव होकर घर लौट गई. लेकिन उसके बाद उन्हें हाथ पैर में दर्द, सीने में दर्द, उच्च रक्तचाप और सांस लेने में तकलीफ होने लगी. ऐसे में अब वह पोस्ट को बर्ड केयर सेंटर में आकर आयुर्वेदिक और योग पद्धति से अपना उपचार करा रही हैं.
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प्रभारी डॉ चंद्रप्रकाश दीक्षित ने बताया कि सेंटर में आने वाले मरीजों को चार अलग-अलग पद्धति के माध्यम से उपचार किया जा रहा है. आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के साथ ही यूनानी, होम्योपैथी, और योग पद्धति के माध्यम से मरीजों के साइड इफेक्ट को ठीक किया जा रहा है.
ये योगासन हैं लाभदायक
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के डॉक्टर कुलदीप शर्मा ने बताया कि विभिन्न योगासनों के माध्यम से कोरोना साइड इफेक्ट वाले मरीजों को स्वस्थ किया जा रहा है. योगासन के माध्यम से उन की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायता मिल रही है और इससे वह जल्द स्वस्थ हो रहे हैं.