भरतपुर. जिले के उच्चैन थाना क्षेत्र के एक गांव में 7 साल पहले एक बेरहम मां और दादी ने अपनी मासूम नाबालिग बेटी को जिंदा जलाकर मार दिया था. 7 साल के बाद बुधवार को पॉक्सो न्यायालय नंबर 2 ने मामले के तमाम गवाह और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी मां और दादी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (Mother and grandmother sentenced to life imprisonment in Bharatpur) है. न्यायालय की ओर से सजा सुनाने के बाद न्यायालय परिसर में मौजूद आरोपी मां और दादी फूट-फूटकर रो पड़ीं.
पॉक्सो कोर्ट संख्या 2 के विशिष्ट लोक अभियोजक महाराज सिंह सिनसिनवार ने बताया कि 8 जुलाई, 2015 को उच्चैन थाने में एक परिवादी ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ का पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कराया था. रिपोर्ट में लिखा था कि नाबालिग के साथ आरोपी जग्गो ने दुष्कर्म किया था. इसके बाद नाबालिग ने खुद को आग लगाकर जान दे दी. लेकिन जब पुलिस ने मामले की जांच की और कोर्ट में गवाहों के बयान हुए, तो पूरे मामले में मृतक नाबालिग की मां और दादी को दोषी पाया गया.
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असल में नाबालिग की मां और दादी ने ही नाबालिग को मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगाकर मार दिया था. साक्ष्य छुपाने के लिए नाबालिग का अंतिम संस्कार भी कर दिया. पॉक्सो कोर्ट नंबर 2 के विशिष्ट न्यायाधीश अखिलेश कुमार ने बुधवार को पूरे मामले की सुनवाई कर मृतक की मां नैन्हा और दादी रामोली को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही अर्थदंड भी लगाया. वहीं जग्गो नाम के व्यक्ति को बरी कर दिया गया.