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Mining In Bharatpur: कांग्रेस राज में ही मंत्री पुत्र ने खरीदी थी 2 खान, प्रभाव आया आड़े...जलीस ने भाजपा पर लगाए आरोप

संत विजय दास के आत्मदाह ने माइनिंग के खेल पर से परदा उठाना शुरू कर दिया है (Mining In Bharatpur). भले ही कागजों के जरिए इस खुदाई को लीगल बताया जा रहा हो लेकिन जो भी, जिस तरह हो रहा है उससे सत्ताधारी पार्टी की जिम्मेदारी कम नहीं होती है. वो सत्ता में हैं तो जवाबदेही भी उनकी है (Mine Game In Bharatpur). खासकर तब जब इसमें मंत्री पुत्र के नाम की चौतरफा चर्चा है. वहीं इस मामले में साजिद के पिता जलीस खान ने भाजपा पर निशाना साधा है.

Mining In Bharatpur
दोगुनी गति से खोद डाला पहाड़

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Published : Jul 27, 2022, 11:45 AM IST

Updated : Jul 27, 2022, 5:41 PM IST

भरतपुर. जिले के आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वतों में हो रहे खनन को रोकने के लिए बाबा विजय दास ने अपना बलिदान दे दिया (Mine Game In Bharatpur). लेकिन उससे पहले साधु संत 551 दिन से इस क्षेत्र में खनन को रोकने के लिए आंदोलन करते रहे. सरकार ने 9 माह पहले साधु-संतों से वार्ता कर वन क्षेत्र घोषित करने का आश्वासन भी दिया. बावजूद इसके 9 महीने तक घोषणा अटकी रही.

क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने आरोप लगाया कि कामां क्षेत्र की विधायक और राज्य मंत्री जाहिदा खान के 'प्रधान' पुत्र साजिद खान ने कांग्रेस राज में ही इस क्षेत्र में दो खान को लीज पर खरीदा था. इसके बाद वन विभाग को सौंपने की प्रक्रिया अधर में अटक गई और मंत्री पुत्र एवं अन्य वैध अवैध खननकर्ता पहाड़ों को खोदते रहे.

दोगुनी गति से खोद डाला पहाड़

कांग्रेस राज में दो लीज खरीदी: विजय मिश्रा के अनुसार राज्य मंत्री जाहिदा खान के बेटे पहाड़ी पंचायत समिति प्रधान साजिद खान ने वर्ष 2019 में आदिबद्री क्षेत्र में दो खान को लीज पर खरीदा था. ये साजिद मिनरल्स के नाम से सक्रिय थीं. इधर क्षेत्र को खनन मुक्त कराने और वन क्षेत्र घोषित कराने के लिए साधु संत लगातार आंदोलनरत थे. साधु संतों के आंदोलन को देखते हुए वार्ता के बाद 1 अक्टूबर 2021 को राज्य सरकार ने नीतिगत निर्णय लिया कि आदिबद्री एवं कनकांचल पर्वत क्षेत्र के खनन पट्टों को वन विभाग में स्थानांतरित किया जाए (Mines in Adi Badrinath and Kankhachal Hills).

क्रेशर के लिए एनओसी जारी: मुख्यमंत्री से वार्ता और जिला कलेक्टर के प्रस्ताव भेजने के बावजूद क्षेत्र को वन विभाग को स्थानांतरित करने का कार्य रुक गया. इसी दौरान राज्य मंत्री के बेटे साजिद खान को इन्हीं लीज पर स्टोन क्रेशर लगाने के लिए एनओसी भी जारी कर दी गई.

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अटक गया प्रस्ताव: तत्कालीन जिला कलेक्टर ने 12 अक्टूबर 2021 को तहसील सीकरी व पहाड़ी की कुल 749.44 हेक्टेयर सिवायचक एवं 7.96 हेक्टेयर चारागाह मिलाकर कुल 757. 40 हेक्टेयर भूमि को सघन वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को हस्तांतरित करने और 62. 55 हेक्टेयर खातेदारी एवं गैर खातेदारी भूमि पर खनन संबंधी सभी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव प्रमुख शासन सचिव राजस्व विभाग को भेजा. लेकिन राज्यमंत्री के प्रभाव के चलते इस प्रस्ताव पर गौर नहीं किया गया और ठंडे बस्ते में डाल दिया. यही वजह रही कि करीब 9 माह गुजरने के बाद भी इस क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित नहीं किया जा सका.

आखिर में 20 जुलाई 2022 को बाबा विजय दास के आत्मदाह के प्रयास के बाद राज्य सरकार ने उक्त क्षेत्र में अवैध खनन पट्टों को प्रीमेच्योर टर्मिनेशन और संबंधित खनन पट्टा धारियों की आजीविका प्रभावित नहीं हो इसके लिए अन्य जगह पुनर्वासित करने की घोषणा की. साथ ही इस क्षेत्र (749.44 हेक्टेयर) को सघन वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को सौंपने के लिए भी नोटिफिकेशन जारी किया.

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भाजपा कर रही सीबीआई जांच की मांग: इस पूरे मामले को लेकर भाजपा नेताओं के साथ ही साधु संतों ने भी सीधे तौर पर सरकार और राज्य मंत्री पर खनन माफियाओं से मिलीभगत करने और नोटिफिकेशन जारी करने में देरी करने का आरोप लगाया है. क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा का कहना है कि आदिबद्री और कनकांचल के पर्वतों से लेकर पूरे पहाड़ी क्षेत्र के पहाड़ों में राज्यमंत्री जाहिदा खान के संरक्षण में अवैध खनन चल रहा है और उनका पूरा परिवार इसमें लिप्त है. बाबा विजय दास के आत्मदाह के बाद अब पूरे संत समाज और भाजपा नेताओं ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. इस बीच ग्रामीणों और साधु-संतों ने कमेटी बनाकर पसोपा के मंदिर में भागवत कथा कराने की तैयारियां भी शुरू कर दी है.

भाजपा करवाती है आंदोलनःसाधु विजयदास के आत्मदाह के बाद अब साजिद के पिता जलीस खान ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आदि बद्री और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में वर्ष 2000 से वर्ष 2012 के बीच लीज अलॉट हुई. अधिकतर लीज भाजपा सरकार के समय अलॉट हुई थी. लेकिन उस समय कोई विरोध नहीं हुआ. लेकिन बीते 15 साल के दौरान यह देखा गया है कि कांग्रेस के राज में जब भी बृज मेवात क्षेत्र में कोई व्यवसाय पनपता है, तो भाजपा धार्मिक लोगों को आगे लाकर आंदोलन करवाती है और लोगों की भावनाओं को भड़काती है. इस क्षेत्र में सभी लीजे ऑथेंटिक हैं. जलीस खान ने भाजपा पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि बाबा को टावर पर चढ़ाने और बाबा को आत्मदाह के लिए उकसाने में भाजपा के लोग शामिल थे.

राज्य सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस पूरे मामले में कौन-कौन लोग शामिल थे?. जलीस खान ने कहा कि कामां विधानसभा क्षेत्र में मंत्री जाहिदा खान का अपना एक कद है, लोग उन्हें पसंद करते हैं. इसलिए उन पर आरोप लगाया जा रहा है. जबकि आदिबद्री धाम और कनकांचल क्षेत्र जाहिदा के विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं आता. जलीस खान ने कहा कि भाजपा के नेता जाहिदा खान पर इसलिए आरोप लगाते हैं क्योंकि वह एक मजबूत नेता हैं और यदि उनको आरोप लगाकर कमजोर कर दिया जाएगा तो वो अपनी जड़े यहां जमा सकेंगे. एक सवाल के जवाब में जलीस खान ने कहा कि उनका बेटा साजिद एक फर्म में पार्टनर है और उस फर्म की उक्त क्षेत्र में दो लीजे हैं. दोनों लीजो में एक इंच भी अवैध काम नहीं हो रहा है और व्यवसाय करने का अधिकार सभी व्यक्तियों को है. चाहे वह आम व्यक्ति हो चाहे किसी मंत्री का बेटा. इसमें कोई गुनाह नहीं है.

Last Updated : Jul 27, 2022, 5:41 PM IST

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