भरतपुर. गांव नगला के सपूत को आज नम आंखों से लोगों ने अंतिम विदाई दी. पिछले दिनोंजम्मू कश्मीर के गुरेज सैक्टर में भारी बर्फबारी के दौरान 15 हजार फीट ऊंची बलवान पोस्ट पर ड्यूटी देते वक्त गुर्जर शहीद हो गए. रविवार को हजारों की भीड़ ने उन्हें नम आंखों से विदाई (Martyr Devendra Gurjar Cremated In Bharatpur) दी. शहीद सैनिक की अंतिम यात्रा में करीब 2 किलोमीटर तक लोगों का हुजूम उमड़ा रहा. रविवार दोपहर को उनके पैतृक गांव में पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद देवेंद्र गुर्जर की अंत्येष्टि की गई.
शहीद देवेंद्र गुर्जर की पार्थिव देह को शनिवार देर रात को बयाना लाया गया. रविवार सुबह सैनिक वाहन में पार्थिव शरीर को गांव नगला ज्ञानी ले जाया गया. इस दौरान बयाना से ही सैकड़ों की संख्या में लोग शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए. रास्ते में करीब 2 किलोमीटर दूर तक लोगों की भीड़ उमड़ी रही. अंतिम यात्रा के दौरान 'जब तक सूरज चांद रहेगा देवेंद्र तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय', जैसे जयकारों से पूरा माहौल गूंज उठा.
शहीद का पार्थिव शरीर (Martyr Devendra Gurjar Merged In Panchtatva) जैसे ही गांव पहुंचा, ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा और हर व्यक्ति की आंख नम थी. वहीं शहीद के घर में परिजनों और वीरांगना ऊषा का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. हर कोई शहीद के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा. परिजनों और ग्रामीणों को अंतिम दर्शन कराने के बाद शहीद के पार्थिव शरीर को अंत्येष्टि स्थल पर ले जाया गया. जहां पर स्थानीय विधायक, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक समेत सैन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. बड़े भाई सुरेंद्र ने शहीद देवेंद्र गुर्जर को मुखाग्नि दी.