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Exclusive : पंजाब-हरियाणा से लें सीख, राजस्थान में महिला कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए सरकार और समाज आगे आए : दत्ता - राजस्थान में महिला कुश्ती

हरियाणा और पंजाब समेत देश के कई राज्यों में महिला पहलवानों और खेलों को जबरदस्त बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन राजस्थान आज भी महिला कुश्ती के मामले में पिछड़ा हुआ है. किसी जमाने में (Lohagarh was Stronghold of Wrestling) लोहागढ़ कुश्ती का गढ़ हुआ करता था, लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह पिछड़ गया. राजस्थान में यदि महिला कुश्ती को बढ़ावा देना है तो सरकार और समाज के लोगों को आगे आना होगा. यह बात महारानी किशोरी भारत केसरी महिला दंगल में शिरकत करने पहुंचे राजस्थान कुश्ती संघ के अध्यक्ष इंद्र कुमार दत्ता ने (Rajasthan Wrestling Federation President Inder Kumar Dutta) ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कही. सुनिये और क्या कहा....

Rajasthan Wrestling Federation President Inder Kumar Dutta
राजस्थान कुश्ती संघ के अध्यक्ष इंद्र कुमार दत्ता

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Published : Dec 2, 2021, 4:50 PM IST

भरतपुर. इंद्र कुमार दत्ता ने (Rajasthan Wrestling Federation President Inder Kumar Dutta) बताया कि राजस्थान में आज भी महिला पहलवानों को वो सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, जो हरियाणा और पंजाब की पहलवानों को मिलती हैं. हरियाणा के गांव-गांव में मैट और दंगल की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन राजस्थान में अभी (Facilities for Women Wrestler in Rajasthan) महिला पहलवानों के लिए उस स्तर की सुविधा उपलब्ध नहीं है.

हरियाणा में महिला पहलवानों के लिए अलग से दंगल हैं, जो कि अंतरराष्ट्रीयस्तर की सुविधाओं से युक्त हैं. इसी तर्ज पर राजस्थान में भी महिलाओं के लिए अलग से दंगल विकसित करने की जरूरत है, जहां पर महिला पहलवान पूरी एकाग्रता के साथ मेहनत कर सकें. इंद्र कुमार दत्ता ने (Rajasthan Wrestling Association Latest News) बताया कि राजस्थान में सुविधाओं के अभाव के कारण ही राजस्थान की महिला पहलवान वो मुकाम हासिल नहीं कर पा रहीं, जो अन्य राज्यों की महिला पहलवान हासिल कर रही हैं.

राजस्थान में महिला कुश्ती को बढ़ावा देने की जरूरत, सुनिये इंद्र कुमार दत्ता ने क्या कहा...

सरकार और समाज को करनी होगी मदद...

इंद्र कुमार दत्ता ने कहा कि राजस्थान में यदि महिला पहलवानों को बढ़ावा देना है तो इसके लिए राजस्थान सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं विकसित करनी होंगी. हरियाणा में आज भी यह परंपरा है कि यदि कोई महिला पहलवान कुश्ती जीतकर आती है तो उसका गांव-गांव में स्वागत किया जाता है और उसके प्रोत्साहन और सुविधाओं के लिए लाखों रुपए की मदद की जाती है. लेकिन राजस्थान में यह परंपरा अभी भी नहीं है. इसलिए राजस्थान में महिला पहलवानों को बढ़ावा देने के लिए न केवल सरकार, बल्कि समाज को भी मदद के लिए आगे आना होगा.

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कुश्ती का गढ़ था भरतपुर...

राजस्थान कुश्ती संघ के अध्यक्ष इंद्र कुमार दत्ता ने बताया कि किसी जमाने में भरतपुर कुश्ती का गढ़ हुआ करता था. पूरे देश में यहां के दंगलों की चर्चा हुआ करती थी, लेकिन सुविधाओं के अभाव के चलते भरतपुर पिछड़ गया. यही हाल राजस्थान का है. सुविधाओं की कमी के चलते ही यहां के महिला और पुरुष पहलवान अपने असली मुकाम से अभी भी काफी पीछे हैं.

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गौरतलब है कि भरतपुर में दो दिवसीय महारानी किशोरी भारत केसरी महिला दंगल का आयोजन किया गया. दंगल में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत पूरे उत्तर भारत की 70 महिला पहलवानों ने भाग लिया.

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