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Lockdown Reality check: भरतपुर बॉर्डर पर नहीं कोई रोक-टोक, चेक पोस्ट पर सिर्फ औपचारिकता

राजस्थान में 10 मई से 24 मई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन के पहले दिन ईटीवी भारत ने उत्तरप्रदेश के सरहदी जिले भरतपुर में रियलिटी चेक किया. भरतपुर बॉर्डर से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट....

Bharatpur Lockdown Reality check
भरतपुर में Lockdown Reality check

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Published : May 10, 2021, 5:34 PM IST

भरतपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण की भयावहता को देखते हुए 10 मई से महामारी रेड अलर्ट जन अनुशासन लॉकडाउन लागू कर दिया है. ऐसे में ईटीवी भारत ने राजस्थान-उत्तरप्रदेश बॉर्डर का रियलिटी चेक किया. भरतपुर में ऊंचा नगला बॉर्डर पर ना तो कोई चेक पोस्ट है. ना ही पुलिस-प्रशासन का कोई कर्मचारी आने-जाने वाले वाहनों की जांच कर रहा है.

भरतपुर में Lockdown Reality check

बिना रोक-टोक वाहनों की आवाजाही

भरतपुर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित उत्तरप्रदेश और राजस्थान के ऊंचा नगला बॉर्डर पर दूर-दूर तक पुलिस- प्रशासन का कर्मचारी-अधिकारी नजर नहीं आया.

भरतपुर बॉर्डर पर कोई रोक-टोक नहीं

प्रशासन ने यहां आने जाने-वाले वाहनों की जांच के लिए कोई व्यवस्था थी नहीं की है. ऐसे में उत्तरप्रदेश की तरफ से राजस्थान में और राजस्थान की तरफ से उत्तर प्रदेश में बेरोकटोक वाहन आ जा रहे थे.

बार्डर से 6 किमी दूर पोस्ट पर भी औपचारिकता

ऊंचा नगला बॉर्डर से 6 किलोमीटर पहले भरतपुर की तरफ जिला प्रशासन ने एक चेक पोस्ट बनाया है. बॉर्डर की तरफ जाते समय यह चेक पोस्ट पूरी तरह से खाली नजर आई. जब इस संबंध में जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता से बात की तो उन्होंने कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए. जिसके बाद पास ही के स्कूल में बैठे पुलिसकर्मी और दूसरे कर्मचारी पहुंचे और वाहनों की जांच करने लगे. तभी तहसीलदार भी पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. इस चेक पोस्ट पर भी आने-जाने वाले वाहन चालकों की सिर्फ एंट्री की जा रही है. चाहे किसी के पास कोरोना जांच आरटीपीसीआर सर्टिफिकेट है या नहीं है. सभी को प्रवेश दिया जा रहा है.

चेकपोस्ट पर नजर आई औपचारिकता

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कोरोना टेस्ट का कोई इंतजाम नहीं

बॉर्डर से 6 किमी दूर बनाई गई चेक पोस्ट पर बाहर से आने-जाने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच का भी कोई इंतजाम नजर नहीं आया. यहां ना तो सैंपलिंग के लिए मेडिकल टीम नजर आई और ना ही कोई स्टाफ. तहसीलदार अशोक कुमार मित्तल ने बताया कि यदि किसी मरीज में कोई लक्षण नजर आते हैं तो उसे क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज देते हैं या फिर जरूरत होने पर सैंपलिंग कराने के लिए टीम बुला लेते हैं.

बॉर्डर से चेक पोस्ट के बीच कोई रोक-टोक नहीं

उत्तरप्रदेश और राजस्थान के बॉर्डर ऊंचा नगला से 6 किलोमीटर दूर चेक पोस्ट है. ऐसे में उत्तरप्रदेश की तरफ से आने वाले लोग यदि आस-पास के गांव में प्रवेश कर जाएं तो इसका पता पुलिस-प्रशासन और चेक पोस्ट वालों को नहीं चल पाएगा. दूसरे राज्यों से आने-जाने वाले वाहनों पर यदि सख्ती से लगाम लगानी है तो पुलिस-प्रशासन को ऊंचा नगला बॉर्डर पर उचित इंतजामों के साथ चेक पोस्ट लगानी होगी.

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पुलिस स्टाफ ने बैठा दी बस में सवारी

आगरा की तरफ से आ रही एक बस को जब चेक पोस्ट पर रुकवाया तो उसमें 3 सवारी बैठी हुई मिली. बस के ड्राइवर ने बताया कि उसे उत्तरप्रदेश की तरफ से यहां तक आने से किसी ने नहीं रोका. बस ड्राइवर महेंद्र ने बताया कि आगरा से पुलिस स्टाफ ने अपनी जान-पहचान वाली सवारी बस में बैठा दी. इन सवारियों के पास में ना तो कोरोना जांच सर्टिफिकेट था और ना ही इसे चेक पोस्ट वालों ने उतरवाकर स्वास्थ्य जांच या सैंपलिंग कराई.

10 से 24 मई तक है लॉकडाउन, प्रदेश के बॉर्डर हैं सीज

बाजार में उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

सोमवार से लागू हुए लॉकडाउन के दौरान सुबह 6 से 11 बजे तक बाजार में परचून की दुकानों पर काफी संख्या में भीड़ नजर आई. भीड़ में काफी लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए भी नजर आए. हालांकि इस दौरान पुलिस-प्रशासन की ओर से जगह-जगह पर बैरिकेडिंग लगाकर भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे थे. बावजूद इसके जागरूकता के अभाव में लोग काफी संख्या में बाजार में घूमते हुए नजर आए.

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