भरतपुर.सेवर स्थित सरसों अनुसंधान निदेशालय में किसानों को उगाई जा रही सरसों की 100 से अधिक किस्मों की विस्तार से जानकारी दी गई. इस कार्यक्रम में कामां और पहाड़ी के 40 किसानों का दल शामिल था. सरसों की 100 से अधिक किस्म सरसों फार्म में उगाई जा रही है. सरसों फार्म के भ्रमण के बाद किसानों के इस दल को प्रशिक्षण के लिए धौलपुर रवाना कर दिया गया.
किसानों को दी गई सरसों की 100 किस्मों की तकनीकी विशेषताओं की जानकारी सरसों अनुसंधान निदेशालय के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अशोक शर्मा ने सरसों फार्म पर आए किसानों के दल को सरसों की 100 से अधिक किस्मों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. साथ ही इसके अधिक उत्पादन तथा इसमें तेल की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए निदेशालय की ओर से निरंतर किए जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया.
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प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि निदेशालय ने किसान भाइयों के लिए कई अच्छी सरसों की किस्में विकसित की हैं, जिनमें गिरिराज किस्म की बहुत मांग है. निदेशालय की उन्नत किस्म की सरसों की मांग ना केवल भरतपुर में है बल्कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के अन्य जिलों के किसान भी लगातार यहां से उन्नत किस्म की सरसों के बीज लेकर जाते हैं.
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परियोजना निदेशक आत्मा योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि सरसों अनुसंधान निदेशालय के फार्म पर सरसों की विभिन्न किस्मों की जानकारी के बाद पंचायत समिति पहाड़ी और कामां के 40 किसानों का दल धौलपुर के आम उत्कृष्ट केंद्र खैमरी के लिए रवाना किया गया. यह दल धौलपुर में बागवानी, पशुपालन, डेयरी, जैविक खेती, सूक्ष्म सिंचाई प्रबंधन, समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन, समन्वित कीट प्रबंधन और समस्या ग्रस्त मिट्टी और पानी का तकनीकी प्रशिक्षण लेगा.