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IIT हैदराबाद इंटरप्रिटेशन सेंटर को बनाएगा हाईटेक, वर्चुअली होगा घना घूमने का अहसास

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के डॉ सलीम अली इंटरप्रिटेशन सेंटर को हाईटेक बनाया जा रहा है. जिसके बाद पर्यटकों को एक ही जगह पर वर्चुअली पूरा घना घूमने का आनंद मिल सकेगा. पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट.

Keoladeo MoU with IIT Hyderabad
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान

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Published : Aug 25, 2022, 7:11 PM IST

Updated : Aug 25, 2022, 7:21 PM IST

भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान घूमने आने वाले पर्यटक को नई सौगात मिलने वाली है. बीते दिनों केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्रशासन (Keoladeo National Park) और आईआईटी हैदराबाद के बीच एक एमओयू हुआ है, जिसके तहत उद्यान के डॉ सालिम अली इंटरप्रिटेशन सेंटर को अब हाईटेक बनाया जाएगा. इससे पर्यटक सेंटर के अंदर से ही वर्चुअल रियलिटी, 3 डी व्यू के माध्यम से एक ही जगह से पूरा घना घूमने का आनंद उठा सकेंगे.

उद्यान निदेशक अभिमन्यु सहारण ने बताया कि वर्ष 2006 में डॉ सालिम अली इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण कराया गया था. ऐसे में आधुनिक समय के अनुसार इस सेंटर को अपग्रेड और हाईटेक करने की जरूरत है. इसको लेकर आईआईटी हैदराबाद की टीम के साथ एक एमओयू किया गया है. वर्ष 2021 की बजट घोषणा में इस सेंटर के लिए राजस्थान सरकार ने डेढ़ करोड़ रुपए की घोषणा की थी. उस राशि से इस सेंटर को हाईटेक बनाया जाएगा. जल्द ही आईआईटी हैदराबाद की टीम डीपीआर तैयार कर उद्यान प्रशासन को सौंप देगी. सभी विभागीय औपचारिकताओं के बाद सेंटर में काम शुरू किया जा सकेगा.

पर्यटकों को मिलेगा वर्चुअली घना घूमने का अहसास

जंगल का रियल अहसास:अभिमन्यु सहारण ने बताया कि बीते दिनों आईआईटी हैदराबाद की आर्किटेक्चर टीम केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का विजिट (Interpretation Center of Keoladeo) करके गई है. इसके बाद उन्होंने इंटरप्रिटेशन सेंटर को हाईटेक बनाने की प्लानिंग बनाकर भेजी है. इसके तहत सेंटर को पूरी तरह से आकर्षक बनाया जाएगा. सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियलिटी के तहत एआर, वीआर और 3डी विजुअल के माध्यम से पर्यटकों को घना की संपूर्ण जानकारी दी जाएगी.

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सेंटर के प्रवेश द्वार पर पर्यटकों को एक ऑडियो रिकॉर्ड और 3डी चश्मा दिया जाएगा. ऑडियो रिकॉर्ड के माध्यम से (Virtual Visit of Keoladeo) पर्यटकों को प्रत्येक जानकारी दी जाएगी. साथ ही 3D चश्मे के माध्यम से पर्यटक जंगल का रियल एहसास कर सकेंगे. उड़ते हुए पक्षी, उनकी पहचान, वो कहां से आए हैं, कितने समय रुकते हैं, जैसी तमाम विस्तृत जानकारी पर्यटकों को उपलब्ध कराई जाएगी. यानी कह सकते हैं कि इंटरप्रिटेशन सेंटर घूमने वाले पर्यटकों को एक ही स्थान पर पूरा घना घूमने का आनंद मिल सकेगा.

क्या है सालिम अली सेंटर :केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को दुनिया भर में पहचान दिलाने में भारत के बर्डमैन डॉक्टर सालिम अली का महत्वपूर्ण योगदान था. डॉ सालिम अली के योगदान और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में छुपे प्राकृतिक भंडार को देखते हुए (Species of Birds coming to Keoladeo) ऑस्ट्रिया के क्रिस्टल किंग स्वारोवस्की ने वर्ष 2006 में इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण कराया था. इंटरप्रिटेशन सेंटर के अंदर पर्यावरण, प्रकृति, पक्षियों समेत तमाम विषयों से संबंधित जानकारी का भंडार है. सेंटर के अंदर पक्षियों की प्रजातियों की जानकारी, कौन सा पक्षी, कौन से रूट से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचता है, इसकी मैप के माध्यम से जानकारी दी गई है. साथ ही पक्षियों के स्कल्पचर के माध्यम से पर्यावरण और केवलादेव उद्यान की भी विस्तृत जानकारी दी गई है.

Last Updated : Aug 25, 2022, 7:21 PM IST

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