भरतपुर. गुर्जर आरक्षण समेत तमाम मांगों को लेकर बीते 13 वर्षों से लगातार आंदोलन करते आ रहा गुर्जर समाज एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर रेलवे ट्रैक पर उतर आया है. रविवार को बयाना क्षेत्र के पीलूपुरा गांव में गुर्जर समाज की महापंचायत के बाद शाम को पूरा समाज रेलवे ट्रैक पर आ गया और ट्रैक जाम कर दिया.
स बार आदेश चाहिए ना कि सिर्फ कागज लंबे संघर्ष और आंदोलनों के बावजूद गुर्जर समाज की मांगें ना तो कांग्रेस सरकार पूरा कर पाई और ना ही भाजपा सरकार. जब इस बारे में गुर्जर नेता एवं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला से बात की तो उनका साफ कहना था कि दोनों ही सरकार की इच्छाशक्ति और कार्य शक्ति में कमी के चलते समाज की मांगों को पूरा नहीं किया जा सका.
खुद के समाज के नेताओं ने भी कभी बेहतर नहीं सोचा...
गुर्जर नेता विजय बैंसला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि यदि दोनों ही सरकार हमारी मांगों का राजनीतिक हल निकालने का प्रयास करते हैं तो हमें कभी भी आंदोलन नहीं करना पड़ता. हमारी मांगें भी पूरी हो जाती, लेकिन दोनों ही सरकारों ने ना तो कभी हमारी मांगे पूरी करने की इच्छा जताई और ना ही कार्य शक्ति. विजय बैंसला ने गुर्जर समाज के ही मंत्री और नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जब खुद के समाज के ही नेताओं ने समाज के लिए कुछ बेहतर नहीं सोचा तो दूसरे नेताओं से क्या उम्मीद करें.
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गुर्जर समाज के विधायकों ने भी कभी नहीं किया प्रयास...
गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि यदि गुर्जर समाज के ही विधायक और मंत्री मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चाय पीते-पीते हमारी मांगें पूरी करने के लिए कहते तो हमारी मांगें कब की पूरी हो जाती. लेकिन अफसोस की बात यह है कि गुर्जर समाज के विधायक और मंत्रियों ने कभी भी समाज की मांगों को पूरा कराने का प्रयास नहीं किया.
साथ ही विजय बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज ने जब सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में आंदोलन किया था, तब भी राजनेता नहीं आए थे और पीलूपुरा में अब आंदोलन हो रहा है तो आज भी कोई राजनेता ट्रैक पर बात करने के लिए नहीं आया है.
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गुर्जर समाज के नेता गफ्फार मार्केट के सामान की तरह हैं...
विजय बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज के नेता गफ्फार मार्केट के सामान की तरह है, जब तक वोट नहीं मिलता तब तक तो तवज्जो देते हैं और वोट मिलने के बाद भूल जाते हैं. सरकार के समझौते के सवाल पर विजय बैंसला ने कहा कि इस सरकार को आदत है झुनझुना पकड़ाने की. कभी किसी व्यक्ति को पकड़ाते हैं तो कभी गुर्जर समाज को. हमने सरकार से यह झुनझुना पकड़ने से साफ मना कर दिया है.
आदेश चाहिए ना कि सिर्फ कागज...
विजय बैंसला ने ईटीवी भारत से बातचीत में साफ कहा कि सरकार जो भी हमारी मांगें मान रही है उनके आदेश चाहिए ना कि सिर्फ कागज. गुर्जर आंदोलन की आगामी रणनीति को लेकर बैंसला ने साफ कह दिया कि हम अभी ट्रैक पर हैं और मांगे पूरी नहीं होने तक आगे भी ट्रैक पर रहेंगे.