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'समझौते की पालना करे सरकार, नहीं तो 2007-08 जैसे हालातों का करना पड़ सकता है सामना'

17 अक्टूबर को भरतपुर के बयाना क्षेत्र के अड्डा गांव में गुर्जर समाज की महापंचायत आयोजित होगी. महापंचायत से एक दिन पूर्व गुर्जर नेता हिम्मत पाड़ली ने कहा कि सरकार वर्ष 2011 के समझौते की पालना नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार सकारात्मक रुख इस मुद्दे पर अपनाए नहीं तो 2007-08 के गुर्जर आंदोलन जैसे हालातों का सामना करना पड़ सकता है.

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Published : Oct 16, 2020, 5:23 PM IST

Gujjar Reservation,  gurjar mahapanchayat in bharatpur
गुर्जर नेताओं का गहलोत सरकार पर आरोप

भरतपुर.जिले के बयाना क्षेत्र के अड्डा गांव में 17 अक्टूबर को गुर्जर समाज की महापंचायत आयोजित होगी. महापंचायत से एक दिन पूर्व गुर्जर नेता हिम्मत पाड़ली ने कहा कि सरकार वर्ष 2011 के समझौते की पालना नहीं कर रही है. सरकार समझौते की पालना करते हुए भर्तियों में गुर्जर समाज के युवाओं को आरक्षण का लाभ दे. इसी मांग को लेकर शनिवार को अड्डा गांव में 80 गांवों के हजारों लोग जुटेंगे. साथ ही हिम्मत पाड़ली ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से सकारात्मक रुख अपनाने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि, यदि समझौते की पालना नहीं हुई तो सरकार को गुर्जर आंदोलन 2007-08 के हालात का सामना करना पड़ सकता है.

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गुर्जर नेता हिम्मत पाड़ली ने कहा कि सरकार व गुर्जर समाज के साथ वर्ष 2011 में हुए समझौते के प्रत्येक बिंदु की पालना करे. इनकी पालना के लिए सरकार पर जितना दबाव बनाया जा सकता है उतना बनाया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार समाज व समाज के नेताओं के साथ बात करे. उसी से इस समस्या का समाधान हो सकेगा. नेता हिम्मत पाड़ली ने सरकार से समीक्षा बैठक आयोजित करने की अपील भी की है. उन्होंने कहा कि किस भर्ती में कितने पदों पर आरक्षण देना है और कितने पर नहीं इसके लिए समीक्षा बैठक में निर्णय लिया जा सकता है. समाज की बार बार एक ही मांग है कि हमें आरक्षण का लाभ दिया जाए.

गुर्जर नेताओं का गहलोत सरकार पर आरोप

बैंसला से कोई मतभेद नहीं...

एक सवाल के जवाब में नेता हिम्मत पाड़ली ने कहा कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के साथ उनके कोई मतभेद या मनभेद नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हमारा एकमात्र गुट है और वो है गुर्जर गुट. उन्होंने बताया कि महापंचायत के लिए 80 गांवों के लिए निमंत्रण दिया है और सभी से महापंचायत में आने की अपील की है. पाड़ली ने कहा कि सरकार की ओर से सभी समाज के नेताओं से कोई संपर्क नहीं किया गया है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील करते हुए कहा कि वह गुर्जर समाज के इस मुद्दे को सकारात्मक तरीके से आगे ले जाएं, जिससे कि इसका समाधान निकल सके. अन्यथा वर्ष 2007-08 के गुर्जर आंदोलन जैसी हालातों का सामना करना पड़ सकता है.

ये हैं मांगें...

  • सरकार वर्ष 2011 के समझौते की पालना करे
  • 2011 से अब तक की भर्तियों में गुर्जर समाज के अभ्यर्थियों को रिजर्वेशन का लाभ देते हुए भर्ती पूरी करे
  • सरकार कर्नल बैंसला से बात करे
  • सरकार समीक्षा बैठक आयोजित कर समझौते की पालना करे

गौरतलब है कि गुर्जर समाज वर्ष 2007-08 से आरक्षण के लिए लगातार आंदोलनरत है. इसको लेकर सरकार के साथ कई बार समझौते भी हुए, लेकिन अभी तक गुर्जर आरक्षण को लेकर सरकार और गुर्जर समाज में सहमति नहीं बन पाई है.

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