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Kadam Tree in Keoladeo : कदंब पौधे के गुणों से इंदिरा गांधी हुई थीं इम्प्रेस, छठे राष्ट्रपति और प्रिंस चार्ल्स भी थे मुरीद, घना में 40 साल पहले दोनों हस्तियों ने रोपे थे पौधे

विश्वप्रसिद्ध केवलादेव घना पक्षी विहार अपने मनमोहक दृश्यों के लिए ही नहीं, कदंब के पेड़ों के लिए (Kadam Tree in Keoladeo) भी जाना जाता है. यहां घूमने आई बड़ी-बड़ी हस्तियों के लिए ये पेड़ (Ghana Kadam Tree Attracted Big Celebrities) हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पौधे किसी कार्यक्रम के तहत नहीं रोपे गए थे, बल्कि ये पेड़ कुदरती तौर पर यहां पाए जाते हैं. देखिये भरतपुर से ये खास रिपोर्ट...

Ghana Kadam Tree Attracted Big Celebrities
केवलादेव में हस्तियों का कदंब प्रेम

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Published : Jan 4, 2022, 6:28 PM IST

भरतपुर. भगवान कृष्ण की लीलास्थली ब्रज क्षेत्र का नाम जहन में आते ही कदंब के कुंज भी बरबस खयालों में आ जाते हैं. दुनिया भर में पक्षियों के स्वर्ग के रूप में पहचाने जाने वाले केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में आने वाली (Big Celebrities Visited Keoladeo National Park) कई हस्तियों को भी कदंब के पेड़ का आकर्षण रहा है.

बात बड़ी-बड़ी हस्तियों की कदंब प्रेम की करें तो देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी हों या ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स और या फिर भारत की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी, हर किसी का घना घूमने के दौरान कदंब के पेड़ से खासा लगाव दिखा. यहां तक कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तो केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से कुछ पौधे दिल्ली के लिए भी मंगाए थे.

क्या कहते हैं पर्यावरणविद भोलू अबरार...

इंदिरा गांधी ने मंगाए थे कदंब के पौधे...

भरतपुर के पर्यावरणविद भोलू अबरार ने बताया कि वर्ष 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान घूमने आईं. उस समय इंदिरा गांधी ने करीब साढ़े 4 घंटे तक केवलादेव उद्यान घूमा और यहां की सुंदरता व पक्षियों को निहारा. इस दौरान उन्होंने घना में बहुतायत में पाए जाने वाले कदंब के पेड़ों के बारे में जाना. पेड़ की खासियत के बारे में जानने के बाद उन्होंने दिल्ली में कदंब के पौधे लगाने की इच्छा जताई, जिस पर कदंब के कई पौधे दिल्ली भिजवाए गए थे.

केवलादेव घना पक्षी विहार

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प्रिंस चार्ल्स, पूर्व राष्ट्रपति रेड्डी और 'बर्ड मैन' ने लगाए कदंब...

पर्यावरणविद भोलू अबरार ने बताया कि कदंब के प्रति कई हस्तियों का लगाव रहा है. वर्ष 1980 में उद्यान घूमने आए (Britain Prince Charles was Showed Kadam Affection) ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स ने, 1982 में देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने और वर्ष 1984 में भारत के 'बर्ड मैन' डॉ. सालिम अली व 'कैट मैन' पीटर जैक्सन ने भी यहां कदंब के पौधे लगाए थे, जो कि आज पेड़ बनकर लहलहा रहे हैं. साथ ही उन हस्तियों की यादों को भी संजोए हुए हैं.

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इसलिए खास है कदंब का पेड़...

पर्यावरणविद भोलू अबरार ने बताया कि कदंब का पेड़ बलुई नम मिट्टी में पाया जाता है. बरसात के मौसम में इस पौधे में सुगंधित फूल (Kadam Plant Bears Fragrant Flowers) आते हैं, जिनकी सुगंध से आसपास का पूरा माहौल महक उठता है. कहा जाता है कि बादलों की गर्जना से इसके फूल खिल उठते हैं. इसके फूलों से इत्र भी तैयार किया जाता है.

केवलादेव में कदंब के पेड़...

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इसलिए भी है आकर्षण का केंद्र...

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली और लीलास्थली ब्रज क्षेत्र को माना जाता है. माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ कदंब कुंज में रासलीला की थी. द्वापर युग से ही कदंब के पेड़ों का अलग ही महत्व है.

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