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सड़क किनारे जीवन यापन को मजबूर 55 परिवार, दो साल पहले जमीन विवाद में हुए थे बेघर

भरतपुर में दो साल पहले जमीन विवाद के चलते घरों से बेघर हुए 55 परिवार आज भी सड़क किनारे जीवनयापन को मजबूर है. परिवारों ने कई बार अपने गांव जाने की कोशिश भी की. लेकिन हर बार उन्हें मारपीट कर भगा दिया जाता है. ऐसे में पीड़ित परिवारों ने जिला कलेक्टर से गांव में पुनर्वास की गुहार लगाई है.

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Published : Jun 17, 2019, 6:35 PM IST

सड़क किनारे जीवनयापन को मजबूर 55 परिवार

भरतपुर. जिले के विलान चटपुरा गांव में दो साल पहले जमीनी विवाद के चलते झगड़े में 2 लोगों की मौत का खामियाजा 55 परिवार आज भी झेल रहे हैं. इन परिवारों को दो साल बाद भी सड़क किनारे रहकर जीवन यापन करना पड़ रहा है. इन परिवारों ने कई बार अपने गांव में जाने की कोशिश की. लेकिन हर बार मारपीट करके इनको भगा दिया जाता है. पीड़ित परिवारों ने कई बार प्रशासन अधिकारियों, मंत्रियों से भी मुलाकात की, लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हुई. सोमवार को पीड़ित परिवार जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर आरुषि मलिक से गांव में पुनर्वास की गुहार लगाई. पीड़ित परिवार को लोगों का कहना है कि कलेक्टर ने उनकी शिकायत पर गौर नहीं किया.

सड़क किनारे जीवनयापन को मजबूर 55 परिवार, जिला प्रशासन से लगाई पुनर्वास की गुहार

दरअसल भरतपुर के गांव विलान चटपुरा में 2017 में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में झगड़ा हो गया था. जिसमें 2 व्यक्तियों की मौत हो गई थी. हत्या के मामले में पुलिस ने करीब 62 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिनमें से कुछ को जेल भेज दिया गया. वहीं अन्य लोगों को रिहा कर दिया गया. वहीं दूसरे पक्ष ने आरोपी पक्ष की महिलाओं के साथ मारपीट की और उनके घरों को आग के हवाले कर दिया. इस डर के कारण गांव से 55 परिवार पलायन कर गए. इसके बाद दूसरे पक्ष के घरों और खेतों पर कब्जा कर लिया.

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