भरतपुर. नगर विकास न्यास की ओर से संभाग की सबसे बड़ी आवासीय कॉलोनी स्कीम 13 विकसित की जा रही है. इस आवासीय कॉलोनी को विकसित करने के लिए करीब 10 गांवों के सैकड़ों किसानों की 2200 बीघा जमीन को अधिग्रहित किया था, लेकिन 12 साल से यह योजना किसानों के लिए गलफांस बनी हुई है.
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अभी तक ना तो किसानों को जमीन के बदले में मुआवजा मिला है और ना ही यूआईटी की ओर से उन्हें नियमानुसार भूखंडों के पट्टे दिए गए हैं. परेशान किसानों ने अब जल्द इस स्कीम का समाधान नहीं होने पर वापस अपनी जमीनों में ट्रैक्टर चलाने की चेतावनी दी है.
स्कीम-13 के लिए सैंकड़ों किसान की जमीन अधिग्रहित किसान सुरेश धर्मपुरा ने बताया कि करीब 12 साल पहले प्रशासन ने 10 गांव के 2,980 किसानों की 2200 बीघा जमीन अधिग्रहित की थी, लेकिन अभी तक किसानों को योजना के तहत ना तो जमीन के बदले मुआवजा दिया गया है ना ही भूखंड और पट्टे प्रदान किए गए हैं.
ऐसे में बीते 12 साल से किसान परेशान हैं. सुरेश ने बताया कि बीते 12 साल से किसान अपनी जमीन से बेदखल हैं. ना तो किसान अपनी जमीन पर खेती कर पा रहे हैं और ना ही मकान बना पा रहे हैं. किसान सुरेश ने कहा कि यदि प्रशासन ने सोमवार तक किसानों की अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा या फिर पट्टा देने का रास्ता नहीं निकाला, तो किसान ट्रैक्टर से स्कीम-13 की अपनी जमीनों को जोतकर खेती करना शुरू कर देंगे.
साथ ही नगर विकास न्यास कार्यालय की तालाबंदी की भी चेतावनी दी है. जानकारी के अनुसार 346.86 हेक्टेयर में है सेक्टर-13. योजना में 2,980 किसानों की जमीन अवाप्त हुई थी. 8,892 आवेदन लॉटरी के लिए हुए 5023 लोगों ने आवेदन वापस लिए.
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गौरतलब है कि सेक्टर-13 आवासीय योजना करीब 12 साल पहले शुरू की गई थी, जिसमें 2,980 किसानों की जमीन अवाप्त हुई थी. लेकिन अभी तक इस योजना की लॉटरी नहीं हो पाई है. आधे से ज्यादा लोगों ने तो आवेदन ही वापस ले लिए और योजना अभी तक अटकी हुई है.