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भरतपुर: नवजीवन योजना से जोड़े जाएंगे जिले के अवैध एवं हथकड़ शराब में लिप्त परिवार, कलेक्टर ने दिए निर्देश - Bharatpur poisonous liquor scandal

भरतपुर के रूपवास क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद अब जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश किए कि अवैध शराब निर्माण में लिप्त परिवारों को इस कार्य को छोड़ने के लिए प्रेरित करें. साथ ही नवजीवन योजना के तहत परिवारों को चिह्नित कर रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिलावाए.

Instructions of Bharatpur District Collector,  Bharatpur poisonous liquor scandal
जिला कलेक्टर ने ली अधिकारियों के साथ बैठक

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Published : Feb 9, 2021, 10:53 PM IST

भरतपुर. जिले के रूपवास क्षेत्र में चक सामरी गांव में जहरीली शराब के सेवन से 8 लोगों की मौत के बाद अब जिले के अवैध एवं हथकढ़ शराब बिक्री और निर्माण में लिप्त परिवारों को नवजीवन योजना से जोड़ा जाएगा. जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नवजीवन योजना में चिह्नित परिवारों को कार्ययोजना बनाकर लाभान्वित करायें.

जिला कलेक्टर डिडेल ने नवजीवन योजना की जिला स्तरीय समिति की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिले में अवैध शराब निर्माण, भण्डारण एवं विक्रय करने वाले परिवारों का व्यापक सर्वे कराकर उन्हें इस कार्य को छोड़ने के लिए प्रेरित करें. साथ ही उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक को निर्देश दिये कि सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ऐसे परिवारों की उपखण्डवार सूची तैयार करें.

साथ ही परिवारों के सदस्यों की आयुवर्ग एवं शिक्षा के आधार पर समूह गठित कर उनको राज्य सरकार की विभिन्न लोककल्याणकारी योजनाओं से पात्रता के आधार पर जोड़कर लाभान्वित करायें, जिससे उनके जीवनस्तर में सुधार के साथ ही इस कार्य को छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा सके.

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कलेक्टर ने इस अभियान में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं एवं स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी भी सुनिश्चित करने को कहा. चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अवैध शराब निर्माण से सम्बन्धित बस्तियों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर उनके स्वास्थ्य की जांच के साथ ही नशे से दूर रहने के लिए युवाओं को प्रेरित कर जागरूक करें.

उन्होंने प्रभावित ग्रामों में आधारभूत एवं मूलभूत सुविधाओं का विकास करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि चयनित परिवारों को योजनाओं से जोड़कर आदर्श परिवार के रूप में विकसित करें, जिससे ऐसे कार्यों में लिप्त परिवार प्रेरणा ले सकें.

उन्होंने आरएसएलडीसी एवं राजीविका के जिला समन्वयकों को निर्देश दिये कि वे ऐसे परिवारों के पात्र युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार दिलाने में प्राथमिकता दें. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे ऐसे परिवारों के 0-6 आयुवर्ग एवं 6-18 आयुवर्ग के बच्चों को आंगनबाड़ी एवं शिक्षा से जोड़ें और 18-35 आयुवर्ग के युवाओं को शिक्षा से जोड़ने के साथ ही उनकी अभिरूचि के अनुसार प्रशिक्षण दिलाकर योग्य बनायें.

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