भरतपुर. जिले में हुई ओलावृष्टि से रबी की फसल चौपट हो गयी है, जिसमें राज्य सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा दिया जाता है और फसल बीमा योजना के तहत भी किसानों को फसल खराब होने पर बीमा राशि दी जाती है. लेकिन, इसी मुद्दे को लेकर पर्यटन और देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकार का बीमा कंपनियों के साथ सामंजस्य सही नहीं बैठ रहा है.
उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों के आलस्य सामने उभर कर आ रहा है. किसानों की फसल का बीमा करने वाली कंपनी के पास 19 जिले है और उसके लिए सिर्फ एक हेल्पलाइन नंबर है, जो शर्म की बात है. बीमा कंपनियों के अधिकारीयों और रेवेन्यू अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसानों की फसल खराबे की रिपोर्ट सिर्फ 72 घंटे के अंदर आ जानी चाहिए.
पिछले साल भी फसल खराबे पर बीमा कंपनी ने 84 हजार किसानों में से महज 125 किसानों को मुआवजा दिया था, जो शर्म की बात है.