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भरतपुर : स्वाइन फ्लू से मौत के बाद भी नहीं जागा विभाग, जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड पर लटका है ताला - swine flu

जिले में तेजी से पैर पसार रहे डेंगू के बीच स्वाइन फ्लू ने भी लोगों के मन में भय का माहौल बना रखा है. गत माह जिले में स्वाइन फ्लू से एक महिला की मौत हो गई थी. लेकिन अभी तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग गंभीर बीमारी को लेकर भी बेपरवाह बना हुआ है. वहीं प्रदेश स्तर पर विभाग के अधिकारी स्वाइन फ्लू के आंकड़े छुपाने में जुटे हुए हैं. हालात यह है कि आरबीएम जिला अस्पताल में कहने को स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बना रखा है, लेकिन हकीकत में उस पर अब तक ताला लटका हुआ है.

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Published : Nov 2, 2019, 2:59 PM IST

भरतपुर. जिले में तेजी से पैर पसार रहे डेंगू के बाद अब स्वाइन फ्लू ने भी लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है. गत माह जिले में स्वाइन फ्लू से एक महिला की मौत हो गई, लेकिन अभी तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को लेकर गंभीर नहीं है. वहीं प्रदेश स्तर पर विभाग के अधिकारी स्वाइन फ्लू के आंकड़े छुपाने में जुटे हुए हैं.

स्वाइन फ्लू से मौत के बाद भी नहीं जागा विभाग

हालात यह हैं कि आरबीएम जिला अस्पताल में कहने को स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बना रखा है, लेकिन हकीकत में उस पर अब तक ताला लटका हुआ है. वहीं जिले में डेंगू का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है. बीते एक सप्ताह के दौरान 41 डेंगू मरीज सामने आ चुके हैं.

जिले में स्वाइन फ्लू की पहली शिकार बनी महिला

चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2019 से 21 अक्टूबर तक जिले में स्वाइन फ्लू के 46 पॉजिटिव मरीज सामने आए. वहीं 3 की मौत भी हो चुकी है. इनमें से इस सीजन की पहली मौत अक्टूबर माह में हुई. वहीं मरने वाली 55 वर्षीय महिला थी. जो कि कुम्हेर की रहने वाली थी और एसएमएस अस्पताल जयपुर में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया था.

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विभाग छुपा रहा आंकड़े

चिकित्सा विभाग के स्थानीय कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष अब तक स्वाइन फ्लू के 46 पॉजिटिव मरीज आ चुके हैं और इनमें से तीन की मौत हो चुकी है. लेकिन चिकित्सा विभाग निदेशालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में स्वाइन फ्लू से अभी तक सिर्फ दो की मौत बताई जा रही है.

कागजों में संचालित हो रहा आइसोलेशन वार्ड

उच्च अधिकारियों को दिखाने के लिए कागजों में जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड संचालित किया जा रहा है. लेकिन जब ईटीवी भारत ने मौके पर पहुंचकर हालात देखे तो आरबीएम जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड पर ताला लगा हुआ मिला था. कर्मचारियों से बात करने पर पता चला कि इस सीजन में अभी तक आइसोलेशन वार्ड को कभी भी नहीं खोला गया.

विभाग के दावे खोखल

उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमर सिंह से जब जिले में स्वाइन फ्लू के उपचार और इंतजामों के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि जिलेभर में पर्याप्त मात्रा में टेमीफ्लू दवा उपलब्ध है. साथ ही जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर संदिग्ध मरीज पाए जाने पर उन्हें जिला अस्पताल भेजने के निर्देश दिए गए हैं.

बीते 3 साल में स्वाइन फ्लू की स्थिति

वर्ष 2017 में 37 पॉजिटिव मरीज पाए गए. वर्ष 2018 में 10 पॉजिटिव केस. वर्ष 2019 में अब तक 46 पॉजिटिव केस और 3 की मौत हो चुकी है.

गौरतलब है कि बीते 2 साल की तुलना में इस बार स्वाइन फ्लू के अधिक पॉजिटिव केस सामने आए हैं और तीन लोगों की अब तक जान जा चुकी है. लेकिन फिर भी चिकित्सा विभाग की ओर से अभी तक स्वाइन फ्लू के मरीजों के उपचार को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं.

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