भरतपुर. विदा होते मानसून ने भले ही संभाग के किसानों की बाजरे, ज्वार की फसल को नुकसान पहुंचाया हो लेकिन ये बारिश रबी फसलों के लिए रामबाण साबित होगी. अच्छी खासी बरसात से संभाग में रबी की फसल की बुवाई में (Departing monsoon rains good for Rabi crops) किसानों को काफी मदद मिलेगी. इस बारिश की बदौलत रबी की फसलों की पैदावार बढ़ने की पूरी संभावना है. वहीं कृषि अधिकारियों की मानें तो जाते हुए मानसून की बरसात ने संभाग के 5 जिलों के किसान (farmers of Bharatpur Division) के करीब 4 अरब रुपए से अधिक की बचत करा दी है.
नहीं करनी पड़ेगी सिंचाई
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर संभाग में रवि की फसल की बुवाई से पहले खेत में नमी बनाने के लिए किसान को एक बार सिंचाई करनी पड़ती है. तब जाकर रबी की फसलों के बीज की बुवाई हो पाती है, लेकिन इस बार जाते हुए मानसून की मेहरबानी के चलते संभाग के सभी पांचों जिलों में अच्छी बरसात हुई है. इसके चलते करीब डेढ़ सप्ताह बाद होने वाली रबी फसलों की बुवाई में आसानी रहेगी.
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संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि फसल बुवाई से पहले किसान को कई बार खेत में नमी बनाने के लिए सिंचाई करनी पड़ती है. ऐसे में एक हेक्टेयर खेत में सिंचाई पर डीजल, बिजली का करीब 2500 रुपए से 6000 रुपए तक का खर्च आता है. संभाग में 15 लाख हेक्टेयर भूमि में इस बार किसान को बुवाई से पहले सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे साफ है कि सिंचाई पर खर्च होने वाला करीब 4 से 9 अरब रुपए तक का खर्च बच गया.
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5 जिलों में 15 लाख हेक्टेयर में बुवाई
संयुक्त निदेशक ने बताया कि विभाग के पास संभाग के भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और अलवर जिलों में रबी की फसलों की 15 लाख हेक्टेयर भूमि में बुवाई होनी है. इनमें करीब 5 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में गेहूं, करीब 9 लाख हेक्टेयर में सरसों और करीब 1 लाख हेक्टेयर में अन्य फसलों की बुवाई होनी है
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