भरतपुर.डीग में हुए बहुचर्चित राजा मान सिंह हत्याकांड को लेकर 35 साल बाद अब 21 जुलाई को फैसला आने की उम्मीद है. इस केस की सुनवाई मथुरा के न्यायालय में हो रही है और अगली सुनवाई की तारीख 21 जुलाई तय की गई है. 35 साल पहले हुए घटनाक्रम के संबंध में Etv Bharat के साथ कुछ चश्मदीद लोगों ने अपनी आंखों देखी साझा की.
डीग निवासी बृजेश पाराशर ने बताया कि जिस समय राजा मान सिंह और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के बीच विवाद हुआ. उस समय वह स्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थी थे. 20 फरवरी 1985 की घटना के बारे में पाराशर ने बताया कि उस दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर कांग्रेसी प्रत्याशी विजेंद्र सिंह के समर्थन में डीग में एक जनसभा को संबोधित करने आए थे. उस समय राजा मान सिंह का हनुमान जी की तस्वीर वाला पीले रंग का झंडा डीग के किले की लक्खा बुर्ज पर लहराता था. उस समय किसी कांग्रेसी समर्थक ने वो झंडा हटाकर कांग्रेस का झंडा लगा दिया. इस बात की जानकारी मान सिंह को उनके समर्थक ने दी.
यह भी पढ़ेंःस्पेशल: राजस्थान में यहां महादेव की ऐसी प्रतिमा, जो दिन में 3 बार बदलती है रंग
पराशर ने बताया कि इससे राजा मान सिंह काफी नाराज हुए. लक्ष्मण मंदिर के पास मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का मंच लगाया गया था और मुख्यमंत्री कस्बे में जनसंपर्क कर रहे थे. इस दौरान राजा ने अपनी जीप (जोंगा) से टक्कर मारकर मंच तोड़ दिया. इससे वहां लोगों में हड़कंप मच गया. उसके बाद डीग के स्कूल में मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का हेलीकॉप्टर खड़ा था. उसे भी जोंगा से क्षतिग्रस्त कर दिया. इस घटना से मुख्यमंत्री माथुर काफी नाराज हुए और राजा मान सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करवाई.