भरतपुर. फिल्म पानीपत को लेकर चल रहे विवाद के बाद बुधवार को सरकार की कमेटी और डायरेक्टर आशुतोष गोवरिकर के बीच बैठक हुई. बैठक में तय किया गया कि फिल्म में महाराजा सूरजमल का जो भी विवादित सीन है उसे फिल्म से हटाया जाएगा. वहीं, जाट समाज के नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर फिल्म से विवादित सीन नहीं हटाया गया तो यह आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही अब डायरेक्टर को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा.
फिल्म पानीपत से महाराजा सूरजमल के विवादित सीन को हटाने का निर्णय बता दें कि फिल्म में विवादित सीन को लेकर विगत दिनों भरतपुर में भी महाराजा सूरजमल के चौदहवीं पीढ़ी के वंशज मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने फिल्म का जोरदार विरोध किया था. जिसके बाद जयपुर में सरकार की कमेटी और फिल्म के डायरेक्टर के बीच मीटिंग की गई और फिल्म से विवादित सीन हटाने का निर्णय लिया गया. वहीं, इस फैसले के बाद जाट समाज के लोगों में खुशी है.
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उधर, ट्रैफिक चौराहे के पास बानी सूरजमल की मूर्ति पर जाट समाज के लोगों ने खुशी जाहिर की और महाराजा सूरजमल की मूर्ति पर माला चढ़ाकर आतिशबाजी की. इस दौरान जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने कहा कि महाराजा सूरजमल की मूर्ति से हमने इस फिल्म का विरोध शुरू किया था और यह विरोध पूरे देश में फैल गया. उन्होंने कहा कि सरकार और डायरेक्टर के बीच हुई मीटिंग में विवादित सीन को हटाने पर रजामंदी बनी है, जिसका पूरा समाज स्वागत करता है.
वहीं, जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने चेतावनी देते हुए कहा कि इतिहास के महापुरुषों के खिलाफ छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि डायरेक्टरों ने एक पेशा बना रखा है, लोकप्रियता हासिल करने के लिए महापुरुषों का अपमान करते हैं. उन्होंने कहा कि इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.