भरतपुर.शहरी क्षेत्रों में श्राद्ध पक्ष में भोग लगाने के लिए कौवे नजर नहीं आ रहे. कौए नजर नहीं आने से लोग परेशान हैं. वहीं विद्वान ब्राह्मणों का कहना है कि यदि भोग ग्रहण करने कौवे नहीं आ रहे हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं. श्राद्ध पक्ष में कौवों की गैर-मौजूदगी में किसको भोग लगाना है, इसका शास्त्रसम्मत विकल्प (Shradh Paksha bhog) है. लोग गाय या पंचभूत बलि यज्ञ कर पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं.
श्राद्ध पक्ष 2022: शहरों में नहीं मिल रहे कौवे, तो इन्हें भोग लगा कर सकते हैं पितरों को प्रसन्न
श्राद्ध पक्ष में लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए कौवों को भोग लगाते हैं. हालांकि शहरों में अब कौवे दिखाई नहीं देते (Crows disappear from cities) हैं. ऐसे में इसके अन्य उपाय भी मौजूद हैं. विद्वानों का कहना है कि कौवे नहीं मिलने पर गाय को भोग लगा सकते हैं या पंचभूत बलि यज्ञ कर सकते हैं.
शहरों से क्यों गायब हुए कौवे: पक्षी विशेषज्ञ भोलू अबरार ने बताया कि पहले शहरी क्षेत्रों में भी काफी संख्या में कौवे नजर आते थे. लेकिन बीते कुछ वर्षों में शहरों में कौवे नजर नहीं आ रहे. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह शहरी क्षेत्रों में बड़े-बड़े पेड़ों की संख्या में कमी है. बड़े पेड़ नहीं होने की वजह से शहरों में कौवों को घोंसला बनाने का सुरक्षित स्थान नहीं मिल पा रहा. जिसकी वजह से कौए ग्रामीण क्षेत्रों में दिख जाते हैं.
कौवा नहीं मिलें तो इनको कराएं भोजन:पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि यदि श्राद्ध पक्ष में भोग ग्रहण करने के लिए कौवा नहीं आता है, तो शास्त्रों में पंचभूत बलि यज्ञ की मान्यता बताई गई है. यानी श्राद्ध के पंच ग्रास को पक्षी, गाय, श्वान, मछली और चींटियों को खिलाया जा सकता है. साथ ही मान्यता है कि यदि गाय को पंच ग्रास करा दिया जाए, तो भी पितृ संतुष्ट हो जाते हैं. क्योंकि गाय में सभी देवताओं और पितरों का वास होता है.