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Special : 'बंदर पंजे' की गिरफ्त में कपास की खेती, हजारों हेक्टेयर में बोई गई फसल में भारी नुकसान की आशंका

भरतपुर में कपास की खेती को बंदर पंजा रोग ने अपनी चपेट में ले लिया है. किसान पहले ही कोरोना और लॉकडाउन की मार से उभर नहीं पाया था और अब इस रोग की वजह से किसानों की कपास की फसल नष्ट हो रही है. जिससे उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. ईटीवी भारत के माध्यम से किसानों ने अपनी समस्या बताई. यहां देखें पूरी खबर...

भरतपुर में कपास की खेती, Cotton farming in Bharatpur
किसानों को हो रहा भारी नुकसान

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Published : Sep 9, 2020, 1:02 PM IST

भरतपुर. जिले में बड़ी संख्या में किसान परंपरागत खरीफ फसल (बाजरा, ज्वार, ग्वार) के स्थान पर अच्छा मुनाफा कमाने के लिए कपास की खेती करते हैं. इस साल कपास की फसल 'बंदर पंजा' की गिरफ्त में है. जिले की 4667 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोई गई कपास की फसल में इस बार एक के बाद एक कई रोग लग रहे हैं. पहले जहां फसलों को उखटा रोग ने नुकसान पहुंचाया था, वहीं अब बंदर पंजा रोग की वजह से यह फसल बर्बादी के कगार पर है.

किसानों को सता रही फसल के बर्बाद होने की चिंता

क्या है बंदर पंजा रोग...

गांव नगला हींस निवासी किसान नरेंद्र सिंह ने बताया कि कपास के पौधे में बंदर पंजा नामक रोग लग जाने से पौधे का बढ़ाव प्रभावित हो जाता है. उसके बाद पौधे पर कपास के फल भी लगना बंद हो जाते हैं. इस रोग से कपास के पौधे के पत्तों का आकार बंदर के पंजे जैसा हो जाता है. इसीलिए इसे बंदर पंजा रोग कहते हैं.

किसान की खेती बर्बाद होने की कगार पर

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एक के बाद एक फसलों में लगता रोग...

किसान नरेंद्र सिंह और गांव नगला हरसुख निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि कपास की बुवाई करने के कुछ समय बाद ही उखटा रोग लगा था, लेकिन दवाइयों से उसे खत्म कर दिया गया. उसके बाद फसल में बंदर पंजा रोग लग गया. इस पर कीटनाशक दवाइयों का असर भी नहीं हो रहा. ऐसे में काफी पौंधों के पत्तों को तोड़कर इसे रोकने की कोशिश की गई, लेकिन ज्यादा सफलता नहीं मिली. इस बीमारी से कपास की फसल की बढ़त और पैदावार दोनों प्रभावित हो रही हैं.

60 से 70 फीसदी तक नुकसान...

किसानों ने बताया कि इस बार कपास की फसल में बंदर पंजा की वजह से भारी नुकसान हो रहा है. खेतों में खड़ी फसल में से करीब 60 से 70 फीसदी तक फसल इस रोग की चपेट में हैं. किसानों ने बताया कि हर साल एक बीघा खेत में कपास की औसतन 25 हजार रुपए तक की पैदावार हो जाती थी, लेकिन इस बार तो मुश्किल से 8 से 10 हजार रुपए तक की पैदावार ही होने की संभावना है.

बंदर पंजा रोग की गिरफ्त में कपास फसल

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किसान संजय सिंह ने बताया कि एक बीघा खेत मे कपास की फसल की बुवाई से कटाई तक करीब 7 से 8 हजार का खर्चा होता है. ऐसे में इस बार तो कपास की फसल से मुश्किल से लागत ही निकल पाएगी.

बंदर पंजे रोग की वजह से कपास के फल भी नहीं लग रहे
फैक्ट...
  • जिले में 4667 हेक्टेयर में कपास की बुवाई
  • प्रति बीघा फसल पर होता है 7-8 हजार रुपए का खर्चा
  • एक बीघा में औसतन 25 हजार रुपए की पैदावार होती है
  • इस बार फसल में 60-70 फीसदी तक नुकसान

गौरतलब है कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते किसानों को रबी की फसल की पैदावार में काफी परेशानी उठानी पड़ी थी. खरीफ में कपास की फसल से अच्छी पैदा लेने का सोचा तो अब बीमारी ने फसल को भारी नुकसान पहुंचा दिया.

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