पीलूपुरा (भरतपुर).गुर्जर आंदोलन का 7 दिन बाद भी कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने दौसा जिले के सिकंदरा में पहुंचकर सरकार की ओर से मांगें नहीं मानने पर 9 नवंबर को प्रदेश भर में चक्काजाम करने का एलान किया है. उससे पहले रविवार को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में समाज की एक और बैठक होगी, जिसके बाद आंदोलन को लेकर निर्णय लिया जाएगा. वहीं, 41 सदस्यीय कमेटी के सदस्यों ने विजय बैंसला के नेतृत्व को अस्वीकार कर दिया है.
विरोधी गुट ने नकारा विजय का नेतृत्व बयाना के पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पर दिनभर गुर्जर समाज के लोग आंदोलनरत रहे. इसी बीच कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला करौली जिले के हिंडौन स्थित अपने आवास से दौसा जिले के सिकंदरा के लिए रवाना हुए और वहां पर समाज के लोगों के साथ बैठक की. बैठक में 9 नवंबर से आंदोलन को और तेज करने के बारे में चर्चा की गई, लेकिन इससे पहले रविवार को गुर्जर समाज के लोगों की फिर से एक बार बैठक होगी. इसके बाद ही आंदोलन को लेकर निर्णय लिया जाएगा.
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रेल और सड़क मार्ग जाम
गुर्जर समाज ने शनिवार को भी पीलूपुरा पर रेल मार्ग के साथ ही सड़क मार्ग जाम कर दिया. इस दौरान कई दोपहिया वाहन चालकों को रास्ता बदलकर अपने गंतव्य की ओर जाना पड़ा. वहीं, दोपहिया वाहन चालकों को भी काफी परेशानी हुई.
स्वीकार नहीं विजय का नेतृत्व
सरकार से वार्ता कर समझौता कर लौटे 80 गांव के 41 सदस्यीय दल ने शनिवार को एक बार फिर प्रेस वार्ता की, जिसमें श्री राम बैंसला, यादराम, विजय राम समेत समाज के कई लोग मौजूद थे. प्रेस वार्ता में मौजूद सभी लोगों ने एक स्वर में विजय बैंसला के नेतृत्व को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. साथ ही कहा कि समाज का नेता चुनने का अधिकार सिर्फ समाज को है कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अकेले समाज का नेता नहीं चुन सकते हैं. इस दौरान यादराम ने कहा कि पीलूपुरा में जिस स्थान पर समाज के 16 लोग शहीद हुए, विजय बैंसला उसी स्थान पर अपना जन्मदिन का केक काटकर खुशी मना रहे हैं, जो कि उन्हें स्वीकार नहीं है.
वहीं शनिवार को गुर्जर आंदोलन को समाप्त कराने को लेकर सरकार की तरफ से भी कोई पहल होती हुई नजर नहीं आई. पूरे दिन सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कोई भी पीलूपुरा नहीं पहुंचा, ऐसे में गुर्जरों का आंदोलन अभी भी जारी है.