भरतपुर. प्रदेश भर में अबूझ सावा आखा तीज पर हजारों की संख्या में विवाह होते हैं. शुभ मुहुर्त होने के चलते इस पर्व पर बड़ी संख्या में लोग परिणय सूत्र में बंधते हैं. ऐसे में काफी संख्या में बाल विवाह भी कराए जाते हैं. भरतपुर में भी इस दिन बाल विवाह कराने वालों की संख्या कम (Child marriage on Akshaya Tritiya in Bharatpur) नहीं रहती. हालांकि सरकार, प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ता बाल विवाह के प्रति लोगों को समय-समय पर जागरूक करते रहते हैं.
बावजूद इसके जागरूकता के अभाव और अशिक्षा के चलते ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोग अपने बच्चों को बाल विवाह के दलदल में धकेल दे रहे हैं. बीते 3 वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो पूरे राजस्थान में कुल 1216 बाल विवाह (1216 child marriage in three years in bharatpur) के मामले सामने आए हैं. कल आखातीज है और हजारों की संख्या में विवाह होंगे. ऐसे में प्रशासन का प्रयास होगा किसी भी हाल में बाल विवाह का मामला सामने न आए.
बाल विवाह में भीलवाड़ा अव्वल
बाल अधिकारिता विभाग के बीते 3 साल (2018 से 2021) के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में सर्वाधिक बाल विवाह भीलवाड़ा जिले में सामने आए. भीलवाड़ा में वर्ष 2018-19 में 53, 2019-20 में 60 और 2020-21 में 21 बाल विवाह के मामले सामने आए. वहीं बाल विवाह के सबसे कम मामलों की बात करें तो तीन साल में जैसलमेर में 1, सिरोही में 3 और बारां में 5 बाल विवाह हुए. भरतपुर में वर्ष 2018-19 में 6, 2019-20 में 22 और 2020-21 में एक भी बाल विवाह का मामला प्रकाश में नहीं आया. ऐसे पूरे प्रदेश में वर्ष 2018 से 2021 के दौरान कुल 1216 बाल विवाह के प्रकरण दर्ज किए गए हैं.