भरतपुर.जिले के उच्चैन कस्बा निवासी श्याम मित्तल को अचानक से शरीर में कपकपी छूटी और पूरा शरीर सुन्न पड़ गया. एक बार तो लगा कि मानव शरीर में जान ही नहीं बची है और उसके बाद होश नहीं रहा. परिजनों ने जब जांच कराईस, तो पता चला कि श्याम को मस्तिष्क कैंसर है. लेकिन अब बेहतर उपचार के चलते श्याम मित्तल कैंसर को मात देकर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहा है.
यह सिर्फ श्याम मित्तल की कहानी नहीं, बल्कि भरतपुर जिले से आए दिन कितने ही कैंसर मरीज पड़ोस के उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. अस्पताल के विशेषज्ञों की माने तो मथुरा के इस निजी अस्पताल में 100 में से 18 कैंसर मरीज भरतपुर जिले के पहुंच रहे हैं, जो कि चौंकाने वाली बात है.
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जिले के उच्चैन कस्बा निवासी श्याम मित्तल एक व्यवसाई है. उनकी दिनचर्या और खानपान काफी शुद्ध और व्यवस्थित होने के बावजूद वो मस्तिष्क कैंसर की चपेट में आ गए. श्याम मित्तल ने बताया कि करीब 3 साल पहले एक दिन अचानक से उनके शरीर में कपकपी छूटने लगे और पूरा शरीर बेजान से हो कर निढ़ाल हो गए. परिजनों ने तुरंत पहले भरतपुर और उसके बाद मथुरा के निजी कैंसर सेंटर में भर्ती कराकर उपचार कराया. जांच में पता चला कि, उन्हें ब्रेन ट्यूमर है. ऐसे में जयपुर के एक अस्पताल में ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन कराया. उसके बाद हुई जांच में पता चला कि उन्हें मस्तिष्क कैंसर है. इसके बाद उन्होंने मथुरा स्थित निजी कैंसर सेंटर में कैंसर का नियमित उपचार लिया और 2 महीने के उपचार के बाद वह अब स्वस्थ जीवन बिता रहे हैं.
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