राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

ऊंचा नगला बॉर्डर: खाना और पानी के लिए देर रात तक भटकते रहे बस चालक और परिचालक... खाना उपलब्ध कराने का प्रशासन का दावा खोखला

ऊंचा नगला बॉर्डर रुकी हुई बसों के चालकों और परिचालकों के लिए खाना और पानी की व्यवस्था को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने रात में रियलटी चेक किया. इस दौरान सामने आया कि सभी चालक और परिचालक भूखे-प्यासे बैठे हुए हैं. हालांकि, प्रशासन की ओर से दावा है कि उनकी तरफ से सभी चालक और परिचालकों के लिए खाने की व्यवस्था की गई है.

भरतपुर प्रशासन न्यूज, Rajasthan government news,Bharatpur News
खाना और पानी के लिए भटक रहे बस चालक

By

Published : May 20, 2020, 12:37 AM IST

भरतपुर. उत्तर प्रदेश से प्रवासी राजस्थानियों को लेने के लिए ऊंचा नगला बॉर्डर पर रुकी हुई 500 बसों के करीब 1000 चालक और परिचालकों को मंगलवार देर रात तक खाने और पीने के पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा. दर्जनों चालकों और परिचालक रात को 10 बजे तक भूखे प्यासे बैठे रहे.

खाना और पानी के लिए भटक रहे बस चालक

वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों का दावा था कि सभी के लिए खाना और पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा. लेकिन ईटीवी भारत ने जब रात 10 बजे बॉर्डर पहुंचकर रियलिटी चेक किया तो यह चौंकाने वाले हालात सामने आए.

पढ़ें-मजदूरों की बस को लेकर जारी राजनीति में अबतक क्या-क्या हुआ...आप भी समझ लीजिए

अलवर से बस लेकर आए चालक रईस खान ने बताया, कि वो सुबह घर से खाना खाकर ऊंचा नगला बॉर्डर पहुंचे थे. लेकिन यहां पर मंगलवार रात 10 बजे तक उनको खाना नहीं मिल पाया है. चालक रईस ने बताया कि प्रशासन की ओर से उन्हें बोला गया है कि जल्द ही उनको खाना मिल जाएगा लेकिन देर रात तक वह इसी इंतजार में बैठे रहे.

अलवर से बस लेकर आए मुस्ताक खान ने बताया, कि प्रशासन की ओर से उनको ना तो खाना उपलब्ध कराया गया है और ना ही पीने का पानी. उन्होंने बताया कि पास के ही एक गांव में लगे आरो प्लांट पर जब वह पानी की बोतल लेकर पहुंचे तो वहां कार्ड से पीने का पानी दिया जा रहा था. ऐसे में खाली बोतल लेकर ही वापस लौट आए. चालक-परिचालकों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि खाना तो दूर यहां पर पीने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

गौरतलब है कि मंगलवार सुबह उत्तर प्रदेश से प्रवासी राजस्थानियों को लाने के लिए ऊंचा नगला बॉर्डर पर राजस्थान सरकार की ओर से करीब 500 बसें भेजी गई. इन सभी बसों पर करीब 1000 चालक और परिचालक के स्टाफ मौजूद हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अनुमति नहीं मिलने की वजह से सभी बस बॉर्डर पर ही रुकी हुई है. ऐसे में बॉर्डर पर रुकी हुई इन बसों के स्टाफ को देर रात तक खाने और पीने की पानी की समस्या का सामना करना पड़ा. हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है कि उनकी तरफ से सभी चालक और परिचालकों के लिए खाने की व्यवस्था की गई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details