भरतपुर. महज 14 वर्ष की उम्र में खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवा चुकी भरतपुर की एक बेटी को अपने सुनहरे भविष्य के लिए पिता से ही जंग लड़नी पड़ रही है. बेटी का कहना है कि वह पढ़ाई और खेलकूद में अपना भविष्य बनाना चाहती है, लेकिन उसके पिता जबरन उसका बाल विवाह करा देना चाहते हैं. ऐसे में मजबूरन पीड़िता और उसकी मां को खुद के परिजनों के ही खिलाफ खड़ा होना पड़ा है. पीड़िता और उसकी मां ने राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से मदद की गुहार लगाई है.
जीत चुकी है पांच गोल्ड मेडल
पीड़िता ने बताया कि वह वेटलिफ्टिंग में अब तक राष्ट्रीय स्तर की 5 प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी है. सभी 5 प्रतियोगिताओं में उसने स्वर्ण पदक जीते हैं. उसके खेल में रुचि है और वह भविष्य में भी खेलते रहना चाहती है. वह खेल के माध्यम से अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती है, लेकिन उसके पिता और ताऊ उस पर लगातार विवाह करने का दबाव बना रहे हैं. यहां तक कि उसे खेलने से भी रोकते हैं.
पिता ने कर दिया मां-बेटी को बेघर
पीड़िता की मां ने बताया कि उसके पति बेटी का बाल विवाह कराने का दबाव बना रहे हैं. जब मां-बेटी ने बाल विवाह का विरोध किया तो परिजनों ने दोनों को घर से निकाल दिया. बाद में मां-बेटी ने पुलिस की सहायता ली और जिससे उन्हें फिर से छत नसीब हो पाई. बीते 1 महीने से मां-बेटी को ननिहाल पक्ष की मदद से दो वक्त की रोटी मिल रही हैं. पीड़िता के पिता और ताऊ घर का सामान भी उठा ले गए हैं, जिससे मजबूरन दोनों को जमीन पर सोना पड़ता है.